स्वस्थ किडनी, स्वस्थ जीवन: अपनी किडनी को सही तरीके से काम करने के लिए कैसे रखें

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स्वस्थ किडनी, स्वस्थ जीवन: अपनी किडनी को सही तरीके से काम करने के लिए कैसे रखें

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ।किडनी हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग हैं, जो अपशिष्ट को छानने, द्रव और रक्तचाप को नियंत्रित करने और आवश्यक हार्मोन बनाने का कार्य करती हैं। अक्सर किडनी स्वास्थ्य को तब तक नजरअंदाज किया जाता है जब तक गंभीर समस्याएं उत्पन्न नहीं हो जातीं, क्योंकि किडनी रोग बिना किसी लक्षण के धीरे-धीरे बढ़ सकता है। हालांकि, शुरुआती जांच और कुछ आसान जीवनशैली में बदलाव, जैसे संतुलित आहार और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, किडनी के कार्य को बनाए रखने और जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकते हैं।

आपकी किडनी प्रतिदिन लगभग 50 गैलन रक्त को फ़िल्टर करती हैं, जिससे अपशिष्ट और अतिरिक्त द्रव को मूत्र के माध्यम से बाहर निकाला जाता है। वे इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बनाए रखने, रक्तचाप को नियंत्रित करने और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन व हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक हार्मोन बनाने में मदद करती हैं। जब किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ और तरल पदार्थ जमा होने लगते हैं, जिससे सूजन, थकान और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यदि किडनी रोग गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है और उपचार नहीं किया जाता, तो यह किडनी फेल्योर का कारण बन सकता है, जिससे डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ सकती है।

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल साकेत में यूरो-ऑन्कोलॉजी विभाग और मैक्स साकेत कॉम्प्लेक्स के यूरोलॉजी रीनल ट्रांसप्लांट और रोबोटिक्स विभाग के चेयरमैन डॉ. अनंत कुमार ने बताया कि “कुछ स्वास्थ्य स्थितियां और जीवनशैली की आदतें क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) का कारण बन सकती हैं। मधुमेह और उच्च रक्तचाप इसके प्रमुख जोखिम कारक हैं, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा और रक्तचाप किडनी की नाजुक रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। मोटापा भी इस रोग का खतरा बढ़ाता है, क्योंकि यह मधुमेह और उच्च रक्तचाप के विकास की संभावना बढ़ा सकता है। यदि परिवार में किडनी रोग का इतिहास है, तो इसका खतरा और बढ़ जाता है। धूम्रपान और शराब किडनी तक रक्त प्रवाह को कम कर सकते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता घटती है और दीर्घकालिक क्षति हो सकती है। इसके अलावा, लंबे समय तक दर्द निवारक दवाओं (NSAIDs) का अत्यधिक सेवन किडनी पर दबाव डाल सकता है और धीरे-धीरे उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है।

किडनी रोग शुरुआती चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाता, इसलिए नियमित स्वास्थ्य जांच और किडनी फंक्शन टेस्ट जरूरी हैं। रक्त परीक्षण (सीरम क्रिएटिनिन और eGFR) से किडनी की फ़िल्टरिंग क्षमता का पता चलता है, जबकि मूत्र परीक्षण (ACR) किडनी क्षति के शुरुआती संकेतों की जांच करता है। उच्च रक्तचाप की निगरानी भी आवश्यक है, क्योंकि यह किडनी पर तनाव बढ़ा सकता है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप या पारिवारिक इतिहास वाले लोगों को नियमित रूप से किडनी की जांच करानी चाहिए ताकि संभावित समस्याओं का समय पर पता लगाकर उचित उपचार किया जा सके।

डॉ. अनंत ने आगे बताया कि किडनी को स्वस्थ रखने के लिए बड़े बदलावों की जरूरत नहीं होती, बल्कि कुछ छोटी आदतें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। संतुलित आहार अपनाएं, जिसमें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन (मछली व पोल्ट्री) शामिल हों, जबकि नमक, प्रोसेस्ड फूड और शक्करयुक्त पेय से बचें। पर्याप्त पानी पीकर हाइड्रेटेड रहें, जिससे किडनी विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल सके। रक्त शर्करा और रक्तचाप को नियंत्रित रखें और नियमित व्यायाम करें, जिससे किडनी की कार्यक्षमता बेहतर बनी रहे। धूम्रपान और अधिक शराब से बचें, क्योंकि ये किडनी पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। साथ ही, दर्द निवारक दवाओं (NSAIDs) का अधिक उपयोग न करें और किसी भी दवा या सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।“

नियमित स्वास्थ्य जांच के माध्यम से किडनी रोग के शुरुआती संकेतों का पता लगाया जा सकता है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो मधुमेह, उच्च रक्तचाप या पारिवारिक इतिहास से ग्रसित हैं। शीघ्र उपचार और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर आगे की क्षति से बचा जा सकता है। संतुलित आहार, व्यायाम और हाइड्रेटेड रहना किडनी को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपकी किडनी प्रतिदिन कड़ी मेहनत करती हैं—उनकी देखभाल करें।

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