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डॉ. बीरबल झा ‘विकसित भारत, विकसित बिहार’ अभियान के तहत बिहार में युवा क्रांति की शुरुआत करेंगे
दरभंगा, बिहार – अप्रैल 2025:
अपने मिशन के तहत एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए, प्रसिद्ध साहित्यकार, शिक्षाविद और समाज सुधारक डॉ. बीरबल झा 24 और 25 अप्रैल 2025 को क्रमशः मधुबनी और दरभंगा का दौरा करेंगे। डॉ. झा का यह दौरा ‘विकसित भारत, विकसित बिहार’ के तहत एक महत्वपूर्ण पहल है, जो बिहार के युवाओं की अप्रयुक्त ऊर्जा को शिक्षा, कौशल निर्माण और सांस्कृतिक पुनरुद्धार के माध्यम से जागरूक करने का उद्देश्य रखता है।
‘यंगेस्ट लिविंग लेजेंड ऑफ़ मिथिला’ से सम्मानित डॉ. बीरबल झा ने अंग्रेजी शिक्षा, सामाजिक उद्यमिता और सांस्कृतिक प्रचार के क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका के लिए राष्ट्रीय पहचान प्राप्त की है। उन्होंने 30 से अधिक किताबें लिखी हैं, और उन्होंने 4 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार की योग्यताएँ प्रदान की हैं, जिससे वे बेहतर जीवनयापन कर सकें और समाज में सार्थक योगदान दे सकें।
अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान, डॉ. झा छात्रों, युवा पेशेवरों और सामुदायिक हिस्सेदारों के साथ संवादात्मक सत्रों में हिस्सा लेंगे, जो बौद्धिक विकास, करियर योजना, सॉफ़्ट स्किल्स और स्व-रोजगार के अवसरों पर केंद्रित होंगे। मिथिला के लोगों से गहरे जुड़ाव और अपने प्रेरक वक्तव्य शैली के लिए प्रसिद्ध डॉ. झा युवाओं के सवालों के जवाब देंगे, उन्हें बड़े सपने देखने और ‘विकसित भारत, विकसित बिहार ‘ सामाजिक अभियान से जुड़ने के लिया प्रेरित करेंगे।
डॉ. झा की योगदान केवल कक्षा तक सीमित नहीं हैं। ‘इंग्लिश फॉर सोशल जस्टिस’ जैसी कई सामाजिक अभियानों के संस्थापक के रूप में, उन्होंने विशेष रूप से वंचित वर्गों के लिए शैक्षिक समानता की आवाज उठाई है। उनके प्रयासों से क्षेत्र में हजारों लोगों को लाभ पहुंचाने वाले शिक्षा मंच और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित हैं। अपनी संस्था ब्रिटिश लिंग्वा और आउटरीच कार्यों के माध्यम से, उन्होंने मिथिला की सांस्कृतिक पहचान ‘पाग’ को पुनर्जीवित किया, जबकि भारत के तीन-भाषा पद्धति , रोजगार कौशल और युवाओं के व्यक्तित्व विकास को भी बढ़ावा दिया।
युवाओं के साथ संवाद कार्यक्रमों के अलावा, डॉ. झा स्थानीय मीडिया से भी संवाद करेंगे, जहां वे ‘विकसित भारत, विकसित बिहार’ अभियान के उद्देश्यों और प्रगति पर विचार साझा करेंगे और शिक्षा और सांस्कृतिक सशक्तिकरण के माध्यम से क्षेत्रीय विकास के लिए भविष्य की योजनाओं का खाका प्रस्तुत करेंगे।
उनका यह दौरा केवल संवाद और मार्गदर्शन का अवसर नहीं है, बल्कि यह मिथिला के लोगों के लिए विशेष रूप से उसके महत्वाकांक्षी और ऊर्जा से भरपूर युवाओं के लिए आशा और परिवर्तन का प्रतीक भी माना जा रहा है।