इलाज के दौरान महिला की मौत से परिजनों का शिव हॉस्पिटल के बाहर हंगामा

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 शुक्रवार की दोपहर अंकिता को पाली पीएचसी में पुत्री हुई थी पैदा, जिसके बाद शुरू हुआ रक्तस्राव
 परिजन पीएचसी कर्मियों को बिना बताएं वहां से लेकर शिव हॉस्पिटल ले गए थे
हरदोई। पाली के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के बाद महिला को अत्यधिक रक्तस्राव होने की वजह से परिजन उसे लेकर पाली नगर के ही बरगद चौराहे पर स्थित शिव हॉस्पिटल गए, जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा काटा और महिला की मौत के लिए शिव हॉस्पिटल के डॉक्टर को जिम्मेदार ठहराया। वही शिव हॉस्पिटल के संचालक ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि उन्होंने मानवता के नाते महिला का इलाज शुरू किया था, हालांकि उन्होंने पहले महिला का इलाज करने से साफ इंकार कर दिया था।
पाली थाना क्षेत्र के अलियापुर गांव के रमाकांत शुक्ला की बेटी अंकिता ( 25 )  की शादी एक साल पहले पाली थाना क्षेत्र के ही अतरजी गांव के अंचित तिवारी के साथ हुई थी। अंकिता जब गर्भवती हुई और प्रसव का समय आया तो उसके पेट में दर्द शुरू हुआ।  जिसके बाद अंकिता को उसके मायके वाले अतरजी छोड़ गए। दरअसल अंकिता का पति अंचित व देवर अर्पित दिल्ली में नौकरी करते हैं और वर्तमान में दिल्ली में ही हैं। ससुर ने बहु अंकिता को पाली पीएचसी में प्रसव हेतु भर्ती कराया । जहां शुक्रवार की दोपहर को अंकिता ने पुत्री को जन्म दिया। लेकिन प्रसव के बाद अंकिता को अत्यधिक रक्तस्राव होने लगा। जिसके बाद परिजन पीएचसी कर्मियों को बिना बताए चुपके से अंकिता को लेकर पाली नगर के बरगद चौराहे पर स्थित शिव हॉस्पिटल पहुंचे।जहां अंकिता का इलाज शुरू हुआ बताते हैं कि अस्पताल की महिला डॉक्टर के दौरा एक इंजेक्शन लगाने के बाद अंकिता के कुछ ही क्षणों बाद मौत हो गई महिला की मौत के बाद परिजनों ने शिव हॉस्पिटल के बाहर जमकर हंगामा काटा। इसके बाद मौके पर पुलिस भी पहुंच गई थी । शिव हॉस्पिटल के संचालक रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि उन्होंने महिला का मानवता के नाते इलाज शुरू किया था। हालांकि पहले उन्होंने इंकार कर दिया था, क्योंकि महिला की हालत बहुत गंभीर थी और उसे बाहर ले जाने को कहा था । लेकिन परिजनों की अपील और महिला की हालत को देखते हुए उन्होंने मानवता के नाते उसका इलाज शुरू कराया और इस दौरान उसकी 15 मिनट के अंदर ही मौत हो गई। वही महिला के ससुराली जनों का कहना है कि अंकिता को वह फर्रुखाबाद ले जा रहे थे रास्ते में शिव हॉस्पिटल में जब दिखाया तो यहां के डॉक्टरों ने इलाज शुरु कर दिया, और उसकी मौत हो गई । उन्होंने अंकिता की मौत के लिए शिव हॉस्पिटल को ही जिम्मेदार ठहराया है ।
समाचार लिखे जाने तक मामला महिला के ससुराल और मायके पक्ष वालों के बीच उलझा हुआ था। मायके पक्ष का कहना था कि वह अंकिता की नवजात बेटी को अपने पास तभी रखेंगे जब ससुराल पक्ष खेत को बेटी के नाम करेगा। वही ससुराल पक्ष ने अंकिता की नवजात बेटी को अपने पास रखने से इंकार कर दिया। उधर अंकिता की मौत की सूचना मिलते ही दिल्ली में मौजूद उसका पति अंचित वहां से निकल चुका था। वही पाली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ आनंद शुक्ला ने बताया कि अंकिता को लेकर उसके परिजन शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे यहां आए थे।  11:45 बजे करीब डिलीवरी हुई, और उसके बाद 2 बजे रक्तस्राव शुरू हो गया। 2:15 बजे अंकिता को हरदोई जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन परिजन उसे लेकर नहीं गए, और मौके पर मौजूद नर्स लाली देवी की नजर बचाकर यह लोग अंकिता को लेकर बिना बताए मौके से निकल गए।

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