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अयोध्या।(राजेश श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ अयोध्या)
रक्षाबंधन त्योहार भाई और बहन के बीच के अटूट प्यार के तौर पर जाना जाता है। जहाँ एक ओर शनिवार को रक्षासूत्र, मिठाई व उपहार खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ उमड़ी।एक धागे से लेकर सोने चांदी की राखियां बाजार में खूब बिकी। सोने और चांदी का पानी चढ़ी हुई राखी का भी क्रेज देखने को मिला।वही बच्चों, किशोर व युवा समेत हर वर्ग के लिए बाजार में तरह-तरह की राखियां मौजूद रही और, जिनकी खूब खरीदारी की गई।इसी कडी़ मे रक्षाबंधन के दिन बहनो ने रक्षासूत्र से भाइयों की कलाइयो पर राखी बांधकर बहनों ने भाइयो से जीवन भर रक्षा करने का वचन लिया।इस दिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बाजार मंदी रहा।लेकिन महंगी राखियों की बात अलग है। सोने की राखी में कई तरह के डिजाइन उपलब्ध है।इनकी कीमत 3000 रुपये से शुरू होकर 40 हजार रुपए तक रही।इनमें मुख्य तौर पर कोई धार्मिक आकृति जैसे स्वास्तिक, ओम आदि बना होता है। अयोध्या के ज्वैलर्स राजन बताते हैं कि कुछ आर्डर बुक किए गए है, जिसमें कुछ ने अपनी पसंद की डिजाइन बनवाई है। बाजार में नई डिजाइन की राखियां बिक रही हैं। धागे में सोने के कलर के नग लगाकर इन्हें खास बनाया गया है। साथ रुद्राक्ष, स्वास्तिक, भगवान गणेश के चित्रवाली राखियों की भी खरीदारी हो रही है। बच्चों के लिए साफ्ट राखियों की मांग ज्यादा है, इनमें लाइट व कार्टून वाली राखियों की डिमांड ज्यादा दिख रही है। स्वदेशी राखियों के प्रति लोगों का रुझान अधिक दिख रहा है। यह राखियां दस रुपए से लेकर 600 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध है, जिसमें बच्चों के लिए कार्टून, डोरेमोन, म्यूजिकल, मोटू पतलू, श्री गणेशा एवं क्रिस्टल और चंदन वाली महंगी राखियां भी उपलब्ध है।वही इसी कडी़ मे इस दिन अयोध्या में मठ मंदिरों में भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। इसदिन भगवान को नए वस्त्र पहनाकर उनका ऋंगार किया गया।मंदिर के पुजारी, संत-महंत झूले में विराजमान भगवान के विग्रह को तिलक, चंदन लगाकर रक्षा सूत्र बांधकर उन्हें मिष्ठान का भोग लगाया।वह जगत कल्याण की कामना करते हैं। अयोध्या में इन दिनों सावन झूला मेला की धूम रहती है, सभी मंदिरों में भगवान के विग्रहों को गर्भगृह से निकालकर सोने-चांदी, फूलों व अन्य प्रकार के बने झूले पर विराजमान किया गया।
श्रावण पूर्णिमा के पर्व पर इस महोत्सव का रंग और चटक हो जाता है। विशेषकर रसिक संप्रदाय से जुड़े मंदिरों में श्रावण पूर्णिमा पर भगवान का विशेष शृंगार कर उन्हें छप्पन भोग भी लगाया गया। अयोध्या की प्रसिद्घ पीठ हनुमान बाग के अधिकारी सुनील बताते हैं कि इस दिन भगवान का विग्रह अत्यंत मनमोहक हो जाता है, मंदिर में स्थापित रसिक हनुमान जी को महंतश्री समेत पुजारी रक्षा सूत्र बांधकर विश्व कल्याण की मंगलकामना करते हैं।पटवा मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास कहते हैं कि इस बार प्रभु श्रीराम को रक्षा सूत्र बांधकर कोरोना महामारी से विश्व को बचाने की प्रार्थना करेंगे। यही नहीं घरों में महिलाएं व किशोरियां भाइयों को राखी बांधने से पूर्व रामलला, हनुमानजी, भगवान कृष्ण, गणेशजी के साथ भोलेनाथ को रक्षासूत्र बांधकर अपने परिवार की खुशहाली व भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।अयोध्या के प्रमुख मंदिर कनक भवन, दशरथ महल, श्रीमणिरामदासजी की छावनी, रंग महल, हनुमानगढ़ी, राघव कुंज समेत अन्य मंदिरों में भी इस पर्व को खास तरीके से मनाया गया।
श्रावण पूर्णिमा के पर्व पर इस महोत्सव का रंग और चटक हो जाता है। विशेषकर रसिक संप्रदाय से जुड़े मंदिरों में श्रावण पूर्णिमा पर भगवान का विशेष शृंगार कर उन्हें छप्पन भोग भी लगाया गया। अयोध्या की प्रसिद्घ पीठ हनुमान बाग के अधिकारी सुनील बताते हैं कि इस दिन भगवान का विग्रह अत्यंत मनमोहक हो जाता है, मंदिर में स्थापित रसिक हनुमान जी को महंतश्री समेत पुजारी रक्षा सूत्र बांधकर विश्व कल्याण की मंगलकामना करते हैं।पटवा मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास कहते हैं कि इस बार प्रभु श्रीराम को रक्षा सूत्र बांधकर कोरोना महामारी से विश्व को बचाने की प्रार्थना करेंगे। यही नहीं घरों में महिलाएं व किशोरियां भाइयों को राखी बांधने से पूर्व रामलला, हनुमानजी, भगवान कृष्ण, गणेशजी के साथ भोलेनाथ को रक्षासूत्र बांधकर अपने परिवार की खुशहाली व भाइयों की लंबी उम्र की कामना करती हैं।अयोध्या के प्रमुख मंदिर कनक भवन, दशरथ महल, श्रीमणिरामदासजी की छावनी, रंग महल, हनुमानगढ़ी, राघव कुंज समेत अन्य मंदिरों में भी इस पर्व को खास तरीके से मनाया गया।