आज के परिवेश पर एक युवा कवि के विचार

आज के परिवेश पर कवि के विचार हे राम दुबारा मत आना अब यहाँ लखन हनुमान नही।। सौ करोड़ इन मुर्दों में अब बची किसी…

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