भावी पीढ़ी के हित में विश्व के नेताओं से आगे आने की अपील की। डा. जगदीश गाँधी

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देश की उपासना न्यूज़

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। विश्व शान्ति के प्रबल समर्थक, प्रख्यात शिक्षाविद् एवं सिटी मोन्टेसरी स्कूल के संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने विश्व के सभी देशों के प्रमुख नेताओं से पुरजोर अपील की है कि विश्व के ढाई अरब बच्चों एवं आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य हेतु विश्व एकता व विश्व शान्ति की स्थापना के प्रयासों में तेजी लायें। डा. गाँधी ने विश्व के सभी देशों के प्रमुख नेताओं को पत्र लिखकर वैश्विक समस्याओं के समाधान हेतु विश्व संसद के गठन की जोरदार अपील की है। इसी संदर्भ में आज यहाँ सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) ऑडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि रूस यूक्रेन युद्ध से तृतीय विश्व युद्ध का खतरा निरन्तर बढ़ता ही जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्तर्राष्ट्रीय न्यायालय जैसी वैश्विक संस्थाएं इस युद्ध को रोक पाने में सफल नहीं हो सकी, साथ ही वैश्विक संस्थाये जैसे अशिक्षा, गरीबी, बुनियादी स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन आदि का समाधान प्रस्तुत करने में सफल नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में, अब विश्व संसद का गठन और प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था ही भावी पीढ़ी को सुरक्षित व शान्तिपूर्ण वातावरण उपलब्ध करा सकती है।

डा. गाँधी ने बताया कि मैंने सी.एम.एस के ५८,००० छात्रों व विश्व के ढाई अरब बच्चों की ओर से विश्व के सभी नेताओं को पत्र लिखकर अपील की है कि भावी पीढ़ी के हित में अविलम्ब एक बैठक बुलाकर विश्व संसद के गठन पर विचार करें और विश्व एकता व विश्व शान्ति का मार्ग प्रशस्त करें। डा गाँधी ने बताया कि सर्वप्रथम १९१९ में अमेरिकी राष्ट्रपति बुडरो विल्सन ने ४२ देशों की मीटिंग बुलाकर लीग ऑफ नेशन्स की स्थापना की। उसके उपरान्त १९४५ में अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने ५१ देशों की मीटिंग बुलाकर संयुक्त राष्ट्र संघ का गठन किया। इसी कड़ी में यूरोपीय संघ यूरोपीय पार्लियामेन्ट एवं यूरोपीय करेंसी की अवधारणा भी विकसित हुई।

डा गाँधी ने जोर देते हुए कहा कि विश्व की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए विश्व संसद, विश्व सरकार एवं प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था का गठन अब अनिवार्य आवश्यकता है और यही विश्व एकता व विश्व शान्ति का एकमात्र विकल्प भी है। अमेरिका व भारत जैसे विशाल लोकतान्त्रिक देशों के राष्ट्रप्रमुखों का कर्तव्य है कि वे विश्व मानवता के हित में अविलम्ब सभी प्रभुसत्ता सम्पन्न राष्ट्रों की बैठक बुलाकर एक वैश्विक लोकतंत्र (विश्व संसद) की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करें।

डा. गाँधी ने आगे कहा कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल विश्व का अकेला ऐसा विद्यालय है जो अपने यहाँ अध्ययनरत लगभग ५८००० छात्रों को सर्वोत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने के साथ ही उन्हें उच्च जीवन मूल्य प्रदान कर मानवता की सेवा करने वाला एक आदर्श विश्व नागरिक बनाता है, साथ ही संसार के ढाई अरब बच्चों की शान्ति सुरक्षा के लिए भी सतत् प्रयासरत है। के सी.एम.एस. के इन प्रयासों को पूरी दुनिया में सराहा गया है।

सी.एम.एस के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि भावी पीढ़ी के हित में सी. एम. एस अपनी स्थापना के समय से ही विश्व एकता व विश्व शान्ति हेतु लगातार प्रयासरत है। डा. जगदीश गाँधी के मार्गदर्शन में सी.एम.एस. द्वारा विगत २२ वर्षों से लगातार अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें अब तक १३६ देशों के १३६१ मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश तथा शासनाध्यक्ष प्रतिभाग कर चुके हैं। विश्व की न्यायिक बिरादरी ने सी.एम.एस. के विश्व एकता, विश्व शान्ति व विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य की मुहिम को भारी समर्थन दिया है।

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