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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पतालों में कार्य करने वाले कार्मिकों की सेवाभावना प्रेरणास्पद है। ऐसे कार्मिकों के भविष्य की सुरक्षा के विभिन्न सेवाओं में वेटेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री योगी सोमवार को टीम-9 के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि विगत कुछ दिनों से कोविड के नए केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। हालांकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इस बार वायरस कमजोर है, संक्रमण तीव्र नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार संभव है कि आने वाले दिनों में नए पॉजिटिव केस में इजाफा देखने को मिले, किंतु वायरस का यह वैरिएंट सामान्य वायरल की तरह ही है। कोविड टीका लगवा चुके लोगों के लिए खतरे की संभावना न्यून है। बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर हमें सतर्क रहना होगा।
उन्होंने कहा कि एनसीआर व लखनऊ जैसे जिलों में जहां केस अधिक मिल रहे हैं, वहां फेस मास्क की अनिवार्यता को प्रभावी बनाया जाए। लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन के लिए जागरूक किया जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाए।
मंत्रिपरिषद के समक्ष सभी विभागों की आगामी 100 दिन, 06 माह, 01 वर्ष, 02 वर्ष और 05 वर्ष की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण संपन्न हो चुका है।मंत्रिपरिषद के सदस्यों के सुझावों को समाहित करते हुए अब कार्ययोजना के क्रियान्वयन पर जोर होना चाहिए। निर्धारित लक्ष्य की समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। प्रगति रिपोर्ट को मुख्यमंत्री कार्यालय से अवगत कराया जाए।
उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों की शिकायत, समस्याओं और सुझावों के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय सदैव तत्पर रहे। इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था बनाई जाए। प्रदेश सरकार ने विगत 05 वर्ष के शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार किए हैं। प्रदेश में आईटीआई, पॉलिटेक्निक, महाविद्यालय, कौशल विकास केंद्र व विश्वविद्यालयों की स्थापना कराई है। जो संस्थान अभी संचालित नहीं हो सके हैं उनके शीघ्र क्रियान्वयन की व्यवस्था की जाए।