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कानपुर में पुनर्वास के लिए हस्तिनापुर से ले जाए गए 63 हिंदू बंगाली परिवारों के लोगों को कानपुर के रसूलाबाद तहसील क्षेत्र में अस्थाई निवास स्थल बना कर रखा गया है। अभी तक कानपुर के रसूलाबाद तहसील के राजस्व अधिकारी तहसीलदार व जिलाधिकारी कानपुर पुनर्वास योजना के तहत दिए जाने वाली कृषि भूमि और रहने के लिए दी जाने वाली 200 वर्ग गज भूमि की जांच पड़ताल में लगे हुए हैं। सभी परिवारों की लिस्ट लेकर उन्हें नियम अनुसार जमीन देने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि मंगलवार सुबह तक अभी उन्हें कृषि योग्य भूमि और रहने के लिए आवास भूमि आवंटित नहीं की जा सकी। यह प्रक्रिया चल रही है। कानपुर के रसूलाबाद तहसील के अधिकारी इस पर गहनता से मंत्रण कर रहे हैं। उम्मीद है कि आज इन्हें कृषि योग्य भूमि और रहने के लिए आवास योग्य भूमि का भ्रमण कराया जाए। उसके बाद लिस्ट के अनुसार कृषि योग्य भूमि आवंटित की जाएगी।
1970 में पूर्वी पाकिस्तान से हस्तिनापुर के मदन सूत मिल में विस्थापित किए गए 63 हिंदू बंगाली परिवारों को लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार पुनर्वास योजना का लाभ मिल गया। 12 दिसंबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुनर्वास एक्ट को पास कराकर हस्तिनापुर के 63 हिंदू बंगाली परिवारों पुनर्वास देने का एलान किया था।
जिसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में 19 अप्रैल को इन्हें लखनऊ को एक कार्यक्रम में बुलाया गया था। आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन्हें पुनर्वास प्रमाण पत्र के साथ दो एकड़ कृषि भूमि, 200 वर्ग गज आवास के लिए भूमि एक लाख 20 हजार रुपय मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत देने की घोषणा की थी।
इसके बाद इन्हें सोमवार को कानपुर के रसूलाबाद ले जाया जाना था लेकिन तय कार्यक्रम से एक दिन पूर्व ही रविवार की देर रात कानपुर देहात की तहसील रसूलाबाद के नायब तहसीलदार मनोज कुमार साहू सहित आठ अधिकारियों के नेतृत्व में उतर प्रदेश परिवहन की तीन बसों से इन्हें कानपुर के रसूलाबाद में पुनर्वास के लिए ले जाया गया।
कस्बे में रहने वाले सभी 63 हिंदू बंगाली परिवारों के लोग अपने सामान और बिस्तर के साथ बसों में हंसी खुशी के साथ बैठकर कानपुर के लिए रवाना हुए हैं। जिनमें कुछ नौजवान युवा भी थे तो आधे से ज्यादा बुजुर्ग लोग शामिल हैं। जहां पर इन्हें सोमवार पुनर्वास योजना के तहत मिलने वाले कृषि भूमि और आवासीय भूमि इन्हें दे दी जाएगी।