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बच्चों के भूख और वजन में हुआ इजाफा
दो वर्ष में एनआरसी 317 बच्चों को कुपोषण से दे चुका है मुक्ति
जौनपुर, 26 जून 2022
खुटहन के बड़नपुर गांव में गत वर्ष 23 अप्रैल को किरन पासवान ने बेटी को जन्म दिया। प्रसव के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रतिभा सिंह व सहायिका शशिकला उपाध्याय ने बच्ची का वजन किया तो वह मात्र डेढ़ किलो थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने ग्रोथ चार्ट के जरिये मां को समझाया कि बच्ची खतरे में है। सलाह दी कि उसे हमेशा सीने से लगाकर रखें और स्तनपान कराते रहें। खुद पौष्टिक आहार ही लें। बच्ची को स्पर्श करने से पहले साबुन से हाथ धुलें। मां ने पूरी बात मानी और अब बच्ची पूर्ण स्वस्थ है। मां किरण ने कहा कि प्रतिभा दीदी न होती तो हमारी बच्ची न बच पाती।
खुटहन के ही बड़नपुर गांव के कनकलता को पिछले साल 8 अप्रैल को बेटी अंशिका पैदा हुई। पैदाइश के वक्त उसका वजन डेढ़ किलो था। वहीं छह मार्च को जन्मी सुनीता की बेटी काम्या का वजन भी डेढ़ किलो था। हालांकि काम्या के जन्म के बाद ही सुनीता की मौत हो गई। काम्या की दादी ने ही आंगनबाड़ी की सलाह पर उसका ध्यान रखा जबकि कनकलता आंगनबाड़ी की सलाह पर अंशिका की परवरिश की। वर्तमान में अंशिका और काम्या दोनों ही स्वस्थ हैं।
खुटहन ब्लॉक के यह तीन मामले सिर्फ बानगी भर हैं। असल में जिले में ऐसे कई उदहारण हैं जो आंगनबाड़ी टीम के बदौलत स्वस्थ जिन्दगी जी रहे हैं। खुटहन के सीडीपीओ अनीता देवी ने सभी से अपील की है कि अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का सम्मान करें। यह कार्यकर्ता आपकी सेवा के लिए ही तैनात किये गए हैं। इनकी बातें मानेंगे तो अनावश्यक अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।