पाकिस्तान में आर्थिक बदहाली से सत्ता पक्ष में पड़ी फूट, हटाए जा सकते हैं वित्त मंत्री

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पाकिस्तान में बढ़ते आर्थिक संकट का सियासी असर अब दिखने लगा है। सत्ताधारी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) में शामिल प्रमुख पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) में वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के खिलाफ आवाज तेज होने लगी है। यह चर्चा भी जोर पकड़ चुकी है कि जल्द ही उन्हें वित्त मंत्रालय से हटा कर ये जिम्मेदारी इसहाक डार को दी जा सकती है। डार अभी देश से बाहर हैं, लेकिन जल्द ही वे पाकिस्तान लौटने वाले हैँ। इन चर्चाओं के बीच फिलहाल पीएमएल-नवाज के कुछ नेताओं ने इस्माइल को अपना समर्थन दिया है। उनमें रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खकन अब्बासी शामिल हैं। उन्होंने कहा है कि आर्थिक मामलों के बारे में इस्माइल की समझ बेजोड़ है और ये वक्त उनके साथ खड़ा होने का है। लेकिन पार्टी के कई दूसरे नेताओं ने देश में बढ़ रही महंगाई और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से कर्ज हासिल कर पाने की नाकामी को लेकर वित्त मंत्री की सार्वजनिक आलोचना की है।

इसहाक डार को वित्त मंत्रालय देने की मांग
इस्माइल ने इस मुद्दे पर पार्टी में पैदा हुए मतभेद की बात स्वीकार की है। अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा- ‘संघीय मंत्रिमंडल और पीएमएल-एन का मुझे पूरा समर्थन है, लेकिन पार्टी के कुछ सदस्य मेरा विरोध कर रहे हैँ।’ इस्माइल ने कहा- मैं यह बात समझता हूं कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने जो कड़े फैसले लिए हैं, उसकी वजह से सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं के लिए अपने चुनाव क्षेत्रों जाना मुश्किल हो गया है। इस इंटरव्यू के दौरान मिफ्ताह इस्माइल से यह सवाल भी पूछा गया कि क्या वे वित्त मंत्रालय इसहाक डार को सौंपना चाहेंगे। इस पर उन्होंने कहा- ‘यह मेरी मर्जी या ना-मर्जी पर नहीं निर्भर करता। यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। वे किसी को भी वित्त मंत्री बना सकते हैँ।’

डार सीनेट के लिए निर्वाचित सदस्य
मिफ्ताह इस्माइल को हटाने को चर्चा यह खबर आने के बाद तेज हो गई कि डार पाकिस्तान लौट रहे हैं। डार ने खुद बीबीसी उर्दू से बातचीत में अपने पाकिस्तान लौटने के इरादे की पुष्टि की। डार सीनेट के लिए निर्वाचित सदस्य हैं। वे 2018 से लंदन में रह रहे हैं। उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और इस मामले में कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर रखा है। बताया जाता है कि उनके लौटने की खबर से इस्माइल गहरे दबाव में हैं। इस कारण यह है कि पार्टी नेताओं की तरफ से उनके फैसलों की आलोचना भी बढ़ती चली गई है। पार्टी के जो नेता उनके पक्ष में खड़े हुए हैं, उन्होंने भी सिर्फ उनकी योग्यता की तारीफ की है। यानी पार्टी नेताओं ने जिन मुद्दों पर उनकी आलोचना की है, उनका जवाब पार्टी की तरफ से नहीं दिया गया है। मीडियाकर्मियों ने इस बारे में संघीय सरकार की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब से संपर्क करना चाहा, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

पर्यवेक्षकों की राय है कि अगर इस मौके पर मिफ्ताह इस्माइल को बदला गया, तो उससे आईएमएफ से चल रही बातचीत में नई दिक्कतें पैदा होंगी। उससे पाकिस्तान की आर्थिक हालत और राजनीतिक स्थिरता को लेकर पहले से ही जारी सवाल और संगीन हो जाएंगे।

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