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महाराष्ट्र ब्यूरो विपिन गुप्ता : IES के मैनेजमेंट कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, मुंबई ने IESMCRC थॉट कॉन्क्लेव 2023 के दूसरे संस्करण का आयोजन 11 फरवरी 2023 को MCA क्लब, BKC, मुंबई में किया। कॉन्क्लेव का विषय महाराष्ट्र @ 2025: 1 ट्रिलियन इकोनॉमी-वे फॉरवर्ड था। कार्यक्रम की शुरुआत IESMCRC के अध्यक्ष श्री समीर तम्हाने के संबोधन से हुई। उन्होंने गुणवत्ता प्रबंधन शिक्षा के महत्व और IESMCR की भूमिका के बारे में बताया। इस आयोजन के मुख्य अतिथि श्री रॉबिन बनर्जी, कैप्रिहंस इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और सीईओ थे, जो महाराष्ट्र राज्य परिषद के सीआईआई उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि भारत को प्रगति करने और 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने के लिए, महाराष्ट्र को भी 1 ट्रिलियन डॉलर का योगदान करने की आवश्यकता है। उन्होंने गिन्नी केफफईकिएन्ट की बात की जो की एक धन केन्द्रीकरण मापने का पैमाना है, वो बताते है कि महाराष्ट्र का गिन्नी केफफईकिएन्ट 1 की ओर है मतलब धन का केन्द्रीकरण ज्यादा है, एक विकशित राज्य और 1 ट्रिलिऑन जैसे लक्ष्य को पाने के लिए धन का केन्द्रीयकरण कम करना होगा और और पूरे राज्य मे धन का विकेंद्रीयकरण हो। जिससे प्रति व्यक्ति आए मे इजाफा होगा और पूरे राज्य समृद्धि की ओर बढ़ेगा। आगे बताते है की भारत का गिन्नी कोएफीकीनत 0.3 – 0.4 है जो की चीन से ज्यादा अच्छा है। आगे बताते है कि जो मुख्य 4 उत्पादन के कारण है वो है जमीन, मजदूर, पूंजी, और संगठन। (land,labour, capital, enterprises) महाराष्ट्र को इन सारे मामलों पर ध्यान देना होगा और जरूरत के अनुसार सभी सुविधाये मुहैया करना होगा, और जहा तक बात रही 1 ट्रिल्यन अर्थव्ययबस्था की तो महाराष्ट्र को 8-9% के दर विकाश करना होगा। इसके बाद सीईओ पैनल चर्चा हुई जिसमें श्री सुनील मिश्रा, सीईओ, एनारॉक, श्री विराट टंडन, सीईओ, मुलेन लोवे लिंटास और शापुरजी पालनजी समूह के मुख्य रणनीति अधिकारी श्री शंकर कृष्णन ने भाग लिया। पैनल चर्चा ने कंपनियों के लिए महामारी के बाद की विकास रणनीतियों को रेखांकित किया कहा इतनी बड़ी महामारी क बावजूद भारत की अर्थव्ययबस्था का विकाश दर बाकी देशों से अच्छा है। आगे वो बताते है भारत की लचीला अर्थव्ययबस्था प्रणाली, नए उधमी, नए अनुसंधान जो की महाराष्ट्र और देश दोनों को आगे ले जाने मे मदद करेगी। उन्होंने बताया छोटे-छोटे छेत्रों की भी अपनी एक अलग पहचान है जैस विदर्भ,कोंकण, इन छेत्रों का नवीनीकरण की जरूरत है, आंत मे उन्होंने बताया प्रतिभा और तकनीक विकाश के दो महत्वपूर्ण चाबी है। आगे कार्यकर्म को बढ़ाते हुए पूर्ववर्ती छात्रों को पुरस्कार दिया गया पूर्व छात्र पुरस्कार उन पूर्व छात्रों को दिए गए जिन्होंने अपनी संबंधित कंपनियों में अनुकरणीय कार्य किया है। कार्यक्रम के आयोजक डॉ नीरज दीक्षित ने कहा कि सम्मेलन के लिए चुना गया विषय बहुत उपयुक्त था और सीईओ द्वारा बताई गई विकास रणनीतियों से निश्चित रूप से महाराष्ट्र को मदद मिलेगी। इस कार्यक्रम में श्री सतीश लोटलिकर, ट्रस्टी और डॉ. विजय भांगले, निदेशक, आईईएसएमसीआरसी ने भी भाग लिया।