भारत छोड़ो भारत छोड़ो के नारे से शुरु हुआ डा. एस एन सुब्बाराव भाई जी का जीवन भारत जोड़ो _ भारत जोड़ो तक की यात्रा को समर्पित _ रमेश भइया सूत्रधार विनोबा विचार प्रवाह

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*भारत छोड़ो भारत छोड़ो के नारे से शुरु हुआ डा. एस एन सुब्बाराव भाई जी का जीवन भारत जोड़ो _ भारत जोड़ो तक की यात्रा को समर्पित _ रमेश भइया सूत्रधार विनोबा विचार प्रवाह*

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

बल्लभगढ़, हरियाणा।आज देश में अनेक जगह पर सामाजिक युवा संस्थाओं द्वारा भाई जी की दूसरी पुण्यतिथि अलग अलग ढंग से मनाई जा रही है। भाई जी का जन्म 07 फरवरी 1928 को हुआ था। उन्होंने अंतिम सांस जयपुर में आज से दो साल पहले ली थी। भाई जी सुब्बाराव जी की एक अदभुत व्यक्तित्व थे उनका सारा जीवन गांधी विनोबा विचार की नींव पर युवाओं को संस्कारित करने का रहा।उनका माध्यम शिविर था। उनका जीवन का मिशन शिविर ही था। उन्होंने अपनी तरुणाई भारत छोड़ो से शुरू किया। और भारत जोड़ो तक की संपूर्ण यात्रा रही। आज बालाजी ग्रुप आफ कालेज बल्लभगढ़ हरियाणा में भी राष्ट्रीय युवा योजना ट्रस्ट के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय एकात्मकता युवा शिविर का आयोजन किया गया है जिसका उद्घाटन राष्ट्र के जलपुरुष श्री राजेंद्र सिंह द्वारा 25 अक्टूबर को किया गया था। जिसमें 5 देशों और 22 राज्यों के 250 के आसपास प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं । कल शाम को आंध्र प्रदेश की 15 बहनों के साथ श्री भार्गव ने बहुत सुंदर वैष्णव जन गीत नृत्य प्रस्तुत किया।के साथ आज श्रद्धांजलि सभा के अलावा सबेरे ही प्रभात फेरी , जागरण प्रार्थना,युवा गीत, ध्वजवंदन, स्वच्छता श्रमदान और ग्यारह प्रकार की प्रतियोगिताएं संपन्न होगी। शाम 5 बजे से आठ बजे तक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन रक्खा गया है। जिसमें बाली इंडोनेशिया गांधी आश्रम के इन्द्र उदयन , नेपाल के लमकोटी जी उज्जैन के श्री सुधीर गोयल , सलाहकार श्री अजय कुमार पांडे, झांसी के आर सी गुप्ता, अलवर राजस्थान के राम भरोसे मीना, हिमाचल के सतपाल कपूर, पांडिचेरी के माधवन, गुजरात के अनेक साथी, महाराष्ट्र के जालंधर भाई और गंगा बहन , सुरेश राठी, दिल्ली के अंबिका प्रसाद। बिहार के सुयश पाठक झारखंड की गीता देवी राजकिशोर, पंजाब के अजीत भाई छतिशगढ़ कर्नाटक केरल मिजोरम काशी विद्यापीठ वाराणसी के हंसराज जी आदि काफी साथियों को लाए हुए हैं। आयोजक श्री जगदीश भाई चौधरी और श्रीमती उषा चौधरी पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं। आए हुए प्रतिनिधियों को अतिथि की तरह नई नई चीजें बनाकर खिलाई जा रही है। आज सुबह के नाश्ते में मोरथल के प्रसिद्ध तंदूरी के आलू के परांठा घी और दही अचार के साथ खिलाए गए हैं। बल्लभगढ़ की गलियों को श्रमदान के माध्यम से बहुत स्वच्छ किया गया है।जिसका स्थानीय जनता पर बहुत असर हुआ है। शिविर 29 को समापन होगा। 30 को नई संसद और दिल्ली दर्शन की व्यवस्था रखी गई है।

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