भारतीय ज्ञान परंपरा से उद्यमिता विकास संभव: प्रो.नीरज शुक्ला

Getting your Trinity Audio player ready...

क्राइम रिपोर्टर धनन्जय विश्वकर्मा

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में दीक्षोत्सव- 2023 के अंतर्गत प्रबंध अध्ययन संकाय द्वारा एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय लखनऊ के वाणिज्य विभाग के प्रोफेसर नीरज शुक्ला ने डेवलपिंग अंतरप्रेन्यूरिल माइंडसेट अमंग मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स थ्रू इंडियन नॉलेज सिस्टम विषय पर छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि उद्यमिता के विकास में भारतीय ज्ञान परम्परा की अहम भूमिका है । प्राचीन काल में भारत एक विकसित राष्ट्र था जिसका की विश्व की सकल उत्पाद में 25 प्रतिशत से ज्यादा की हिस्सेदारी थी क्योंकि उस समय हमारे पास पारम्परिक ज्ञान और उद्मिता का संगम था । आज हमारे देश में मैकाले द्वारा दी गई शिक्षा व्यवस्था के कारण छात्रों की सोच बन गई है कि हमको शिक्षा प्राप्त करके नौकर बनना है ना कि नौकरी देने वाला जब तक इस मानसिकता को नहीं बदलेंगे तब तक भारत विकसित नहीं बन सकता ।
उन्होंने बताया की भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा का प्रयोग करके हम नए प्रोडक्ट और सर्विसेज बना सकता है जिसका लाभ पूरा विश्व उठाएगा।
विशिष्ट वक्ता प्रवीण मिश्र ने संबोधित करते हुए कहा कि हम कृषि और गौ पालन को लाभदायक बनाने की दिशा में काम कर रहे है क्योंकि बिना लाभ के कोई भी किसी काम को बहुत दिनों तक नहीं कर पायेगा ।
विषय प्रवर्तन मानव संसाधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने किया।
अंत में वित्तीय अध्ययन विभाग के अध्यक्ष डाक्टर आलोक गुप्ता ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ आशुतोष कुमार सिंह ने संचालन छात्र मुबस्सिर मेहदी सैय्यद और साक्षी मौर्या ने किया ने किया । इस मौके पर डॉ रसिकेश, डॉ राजेश कुमार, सुशील कुमार, राजेश कुमार, मो० अबू सालेह, श्री राकेश उपाध्याय, श्री अनुपम कुमार, अभिनव श्रीवास्तव, मों० शहाबुद्दीन, समरीन तबस्सुम,मनोज त्रिपाठी, डॉ० रोहित पाण्डेय, यशी सिंह, श्रुति श्रीवास्तव के साथ-साथ विभाग के छात्र शशांक भारती, सौम्या, खुशी, नेहा, आँचल, धैर्या, हिमांशु, प्रीतम, अभिषेक, ज्योत, विवेक, किशन,श्रुति शर्मा, काजल सिंह,मोनिका सिंह, राज अग्रहरी, अमित सिंह, पिंकी सिंह समेत संकाय के समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित रहे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *