आज नेपाल जैसे देशों में जहाँ पहाड़ो पर इलाज मिलना मुश्किल होता था वहाँ भी मातृ मृत्यु दर को कम करने में सफलता मिली है:प्रो० दीपक मालवीय

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आज नेपाल जैसे देशों
में जहाँ पहाड़ो पर इलाज मिलना मुश्किल होता था वहाँ भी मातृ मृत्यु दर को कम करने में सफलता मिली है:प्रो० दीपक मालवीय

ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। डॉ० राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के एनेस्थीसियोलॉजी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग एवं आईएससीसीएम लखनऊ सिटी ब्रान्च ने संयुक्त रूप से उत्तर प्रदेश की पहली Obstetric Critical Care कार्यशाला एवं सतत् चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। (1″ CME Cum Workshop Obstetric Critical Care)
कार्यशाला का शुभारंभ संस्थान की निदेशक प्रो० सोनिया नित्यानंद एवं पूर्व निदेशक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. दीपक मालवीय द्वारा किया गया।
प्रो० सोनिया नित्यानन्द ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मातृ मृत्यु दर देश में सर्वाधिक है। लोहिया संस्थान में इसके लिए 100 बेड के आईसीयू की स्थापना होना प्रस्तावित है जिसका निर्माण शहीद स्थित आर०पी०जी० मातृ एवं शिशु रेफरल सेंटर में किया जायेगा जिससे मातृ मृत्यु दर कम करने में सहायता मिलेगी एवं उत्तर प्रदेश के प्रशुताओं को एक ही छत के नीचे सभी प्रकार के इलाज मिल सकेंगें, उन्हें दर-दर इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

प्रो० दीपक मालवीय ने मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए सभी जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करने के संबंध में सभी को अवगत
कराया। प्रो० दीपक मालवीय ने बताया कि जब वह एनेस्थीसिया सोसाइटी के शार्क देशों के अध्यक्ष थे तभी से उनका
उद्देश्य था कि मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए उचित कदम उठाये जाये। इसके लिए उन्होने अपने कार्यकाल में शार्क देशों
में कई कार्यशाला एवं सतत् चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन भी कराया था जिसका परिणाम है कि आज नेपाल जैसे देशों
में जहाँ पहाड़ो पर इलाज मिलना मुश्किल होता था वहाँ भी मातृ मृत्यु दर को कम करने में सफलता मिली है। इस कार्यशाला एवं सतत् चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में लखनऊ ही नहीं अपितु उत्तर प्रदेश के कई शहरों से लगभग 60 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

कार्यशाला एवं सतत् चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आये वरिष्ठ चिकित्सकों ने प्रशुताओं को प्रशव के समय होने वाली जटिलताओं के संका में जानकारी दी। इसके अलाव प्रशुताओं को गर्भवास्था के समय होने वाली परेशानियों जैसे स्क्त स्त्राव होना, झटके आना सहित कई अन्य तरह की गंभीर समस्याओं के विषय में बताया गया एवं उन्हें कैसे नियंत्रित करना है के संबंध में जानकारी दी गयी।
कार्यशाला में मैनिकिन पर प्रदर्शन कर सभी प्रतिभागियों को प्रशुताओं को प्रशव के समय होने वाली जटिलताओं को कैसे सही समय पर एवं सही इलाज एवं कार्य-पद्धति से सही किया जा सके उसका प्रदर्शन किया गया।
आयोजन अध्यक्ष एवं विभागाध्यक्ष एनेस्थीसियोलॉजी एवं क्रिटिकल केयर मेडिसिन डॉ० पी०के० दास ने कार्यक्रम में सभी उपस्थित
अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए Obstetric Critical Care से प्रसुताओं को होने वाले लाभ के बारे में बताया। आयोजन सचिव डॉ० सुजीत राय ने बताया कि मातृ कल्याण भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है माताओं को पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच है या नहीं इसका पूरे समुदाय पर पर्याप्त प्रभाव पड़ता है।

कार्यक्रम में डॉ० ममता हरजाई, डॉ० अनुराग अग्रवाल, डॉ० मनोज त्रिपाठी, डॉ० मनोज गिरी, डॉ० एस०एस० नाथ, डॉ० सूरज कुमार, डॉ० शिल्पी मिश्रा, डॉ० स्मृति अग्रवाल, डॉ० नीतू सिंह, डॉ० कृति नागर, डॉ० प्राची सिंह, डॉ० स्मारिका मिश्रा समेत अन्य संकाय सदस्य, सीनियर जूनियर रेजीडेंट एवं लखनऊ एवं अन्य जनपदों से आये चिकित्सक उपस्थित रहे।

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