नजूल विभाग के पुरोधा थे स्वर्गीय बाबू श्याम बिहारी श्रीवास्तव :राम जन्मभूमि मामले में स्वर्गीय श्याम बिहारी श्रीवास्तव को बताया गया था दिल्ली :नजूल के चप्पे-चप्पे भूमि के जानकार थे स्वर्गीय श्री श्रीवास्तव

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नजूल विभाग के पुरोधा थे स्वर्गीय बाबू श्याम बिहारी श्रीवास्तव

राम जन्मभूमि मामले में स्वर्गीय श्याम बिहारी श्रीवास्तव को बताया गया था दिल्ली

नजूल के चप्पे-चप्पे भूमि के जानकार थे स्वर्गीय श्री श्रीवास्तव

(राजेश श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ अयोध्या)

अयोध्या।राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है।इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन हजार से अधिक आमांत्रित अतिथियों की मौजूदगी में साढ़े पांच सौ वर्ष से तंबू व विवादों की सुर्खियों में बने रामलला को दिव्य व भव्य मंदिर में विराजमान करेंगे।अगर देखा जाए प्राण प्रतिष्ठा के शुभ घड़ी के पीछे विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वर्गीय अशोक सिंघल,अटल बिहारी वाजपेई, कल्याण सिंह सहित 30 अक्टूबर व 2 नवंबर 1990 में मुलायम सिंह की सरकार में नर संहार मे कोठारी बंधुओं व सीता राम लिखने वाले अनेकों शहीद राम भक्तों की कुर्बानी है।वही इसके अलावा 6 दिसंबर 1992 को बाबरी विध्वंस मे राम भक्तों को आज भी याद किया जाता है।उसी मे कोतवाली नगर क्षेत्र के बड़ी देवकाली मंदिर के सामने नजूल विभाग में कार्यरत स्वर्गीय बाबू श्याम बिहारी श्रीवास्तव का नाम भी लिया जाता है।एक मुलाकात में स्वर्गीय बाबू श्याम श्याम बिहारी श्रीवास्तव के भतीजे डी पी श्रीवास्तव ने बताया कि वे नजूल भूमि के बड़े जानकार थे।वे ही नहीं बल्कि आज भी नजूल विभाग के पुराने कर्मी बताते हैं कि वे एक जगह पर बिना कागज देखे बता देते थे कि कितनी भूमि और किस दिशा में नजूल की भूमि है।इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 1991 – 93 के बीच जब पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी तब राम जन्मभूमि/बाबरी मस्जिद की करीब 67.703 एकड़ जमीन को अधिग्रहित करने की बात हुई तब उसमें अधिकतर भूमि नजूल की थी।जिसके चलते उन्हें दिल्ली भी जिला प्रशासन अधिकारियों के साथ बुलाया गया था। इस संबंध में उनके भतीजे डी पी श्रीवास्तव ने बताया कि वास्तव में वे उर्दू, अंग्रेजी के वे अच्छे जानकार थे। उन्होंने बताया कि जब भी कही नजूल भूमि से संबंधित कोई भी जानकारी जिला प्रशासन को लेना होता था तो खुद जिला प्रशासन के आला अधिकारी जिसमें उस समय जिले में तैनात जिला प्रशासन के एडीएम सिटी, एडीएम प्रशासन, तात्कालीन अयोध्या – फैजाबाद विकास प्राधिकरण अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सचिव उनके निवास स्थान बड़ी देवकाली मंदिर के सामने स्थित मकान पर नजूल संबंधित जानकारी लेते थे। उन्होंने बताया कि अयोध्या कैंट के अलावा अयोध्या धाम की अधिकतर भूमि नजूल की थी।जिसकी जानकारी लेने राम जन्मभूमि मंदिर के तात्कालिक पुजारी रामदास,राम चंद्र परमहंस दास,झुमकी घाट के महंत सहित कई जाने माने साधु संत महात्मा उनके घर देवकाली मंदिर के सामने आते थे।कुल मिलाकर नजूल विभाग में कार्यरत स्वर्गीय बाबू श्याम बिहारी श्रीवास्तव नजूल से संबंधित भूमि के बारे में बड़े जानकार थे। बताते चलें कि पहले सभी लिखा पढ़ी अंग्रेजी व उर्दू भाषा में होती थी।इन दोनों भाषाओं पर उनकी अच्छी पकड़ थी। जिसके चलते उन्हें नजूल भूमि के बारे में अच्छा जानकार भी माना जाता है।

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