दोहरी मार: 700 से 1500 रुपये तक लग रहा कोरोना का टीका, निजी अस्पतालों ने अपने हिसाब से तय किए रेट

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मुंबई : भारत में कोरोना की दूसरी लहर विकारल रूप ले रही है। रोजाना साढ़े तीन लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। वहीं संक्रमण रोकने के लिए टीकाकरण अभियान भी तेजी से चलाया जा रहा है। 1 मई से 18 प्लस वाले लोगों को भी टीका लगाया जा रहा है। टीके की बढ़ती मांगों को देखते हुए निजी क्षेत्रों ने कोविड वैक्सीन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर दी है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों ने इसकी कीमतों में छह गुना तक बढ़ोतरी कर दी है। वैक्सीन की कीमत 700 से 1500 रुपए तक हो गई है।

भारत में वैक्सीन लगाने के लिए मोटी रकम ली जा रही
वहीं सरकार ने निजी अस्पतालों में कोरोना टीका लगवाने की दर 250 रुपये प्रति डोज के हिसाब से तय की थी। बता दें कि दुनिया के कई देशों में कोरोना वैक्सीन मुफ्त लगाई जा रही है, लेकिन भारत में वैक्सीन लगाने के लिए ऊंची रकम चुकानी पड़ रही है। भारत में निजी वैक्सीन की कीमत सबसे ज्यादा है। भारत के सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशिल्ड 700-900 रुपये और भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवाक्सिन 1,250-1,500 रुपये तक में मिल रहे हैं। कोविन वेबसाइट के मुताबिक निजी क्षेत्र के चार बड़े अस्पतालों (अपोलो, मैक्स, फोर्टिस और मणिपाल) में कोविड वैक्सीन की कीमतों में छह गुना तक बढ़ोतरी की गई है।

निजी कंपनियों ने छह गुना तक बढ़ाई कीमत
मीडिया से मिली जानकारी के मुताबिक निजी अस्पताल के अधिकारी ने बताया कि जीएसटी और अन्य खर्च मिलाकर कोविशिल्ड 710-715 रुपये तक बाजार में आती है। इसके अलावा मेडिकल उपकरणों पर 170-180 रुपये तक खर्च आता है, जिससे इसकी कीमत 900 रुपये हो जाती है। निजी अस्पतालों के लिए भारत बायोटेक की कोवाक्सिन 1,200 रुपये में उपलब्ध है, जबकि एसआईआई ने 700 रुपये प्रति खुराक का एलान किया है। दोनों मामलों में राज्यों के लिए कीमत दोगुनी हो गई है।

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