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11 अप्रैल- श्रीरामचरितमानस की भाव सहित चौपाई
नमो राघवाय 🙏
जीवन लाहु लखन भल पावा ।
सबु तजि राम चरन मन लावा ।।
मोर जनम रघुबर बन लागी ।
झूठ काह पछिताउँ अभागी ।।
( अयोध्याकाण्ड181/4)
राम राम 🙏🙏
दशरथ जी के सुरलोक गमन पश्चात भरत जी को ननिहाल से बुलाया गया है । दशरथ जी का बिधिवत अंतिम संस्कार कर सभी लोगों ने भरत से अयोध्या का राज सम्हालने को कहा है । इधर भरत जी को यह चिंता सता रही है कि उनके कारण श्रीताराम जी को दुख पहुँचा है । वे सबसे कहते हैं जीवन का उत्तम लाभ तो लक्ष्मण ने पाया जिसने सब कुछ छोड़ राम चरणों में अपना मन लगाया । मेरा जन्म तो राम जी के वनवास के लिए ही हुआ है मैं अभागा झूठे ही पछतावा कर रहा हूँ ।
जीवन का सबसे बड़ा लाभ राम चरणों में मन लगना लगाना है पर हम लोग तो जगत लाभ पाने में लगें हैं जो न उत्तम है अपितु दुर्भाग्यपूर्ण हैं । अतएव जीवन का श्रेष्ठ लाभ पाना चाहते हैं जगत लाभ का मोह छोड़ राम चरणों में मन लगा दें । अथ ! जय जय राम चरण , जय राम चरण 🚩🚩🚩
संकलन:तरुण जी लखनऊ