Getting your Trinity Audio player ready...
|
गोरखपुर गोला ब्यूरो की रिपोर्ट* सतर्कता ही कोरोना वायरस से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। दो गज की दूरी, मास्क के सही ढंग से इस्तेमाल के साथ काढ़ा, पौष्टिक भोजन और योग अगर करते हैं तो कोरोना से जंग जीती जा सकती है। यह बातें आयुष चिकित्सा अधिकारी (पीएचसी चरगांवा) डॉ. विनय कुमार सिंह ने कही। बताया कि रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) ड्यूटी के दौरान पूरी सतर्कता बरती गई, लेकिन कुछ गलतियों की वजह से पिताजी और तीनों बेटों की तबीयत खराब हो गई। जांच कराने पर तीनों लोग संक्रमित पाए गए। इसके बाद सभी को होम आइसोलेशन में रखा गया। इस बीच सबसे ज्यादा चिंता 84 वर्षीय पिता के बारे में थी। होम आइसोलेशन में एलोपैथिक औषधि के अलावा काढ़ा, पौष्टिक भोजन और योग-व्यायाम का सहारा पिता जी ने भी लिया। नियमित ऑक्सीजन का स्तर जांचते रहे। बुखार भी नापते रहे। सब कुछ ठीक-ठाक रहा और 14 दिनों में पूरा परिवार स्वस्थ हो गया।बताया कि ड्यूटी के दौरान घर से बाहर जाना होता है, इसलिए उनके जरिए ही कोरोना ने पूरे परिवार को चपेट में ले लिया था। लेकिन अब सभी पूरी तरह से ठीक हैं।
ठीक होते ही करने लगे ड्यूटी
डॉ. वीके सिंह ने बताया कि अब वह घर से सिर्फ ड्यूटी के लिए बाहर निकलते हैं। इस दौरान वह सिर पर हेडकैप, चेहरे पर डबल मास्क, फील्ड में जाते समय फेसशील्ड और हाथों में ग्लब्स जरूर इस्तेमाल करते हैं। जब घर वापस लौटते हैं तो सारे कपड़े घर से बाहर निकालते हैं और कपड़े धुलने के लिए डाल देते हैं। सुबह-शाम भाप लेना और काढ़ा पीना पूरा परिवार के दिनचर्या में शामिल हो गया है।