भीड़ जनित आपदा/ भगदड़ से बचाव के दृष्टिगत वृहद आयोजनों में भीड़ प्रबंधन व पुलिस व्यवस्थापन हेतु निर्गत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP)

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भीड़ जनित आपदा/ भगदड़ से बचाव के दृष्टिगत वृहद आयोजनों में भीड़ प्रबंधन व पुलिस व्यवस्थापन हेतु निर्गत मानक संचालन प्रक्रिया (SOP)

ब्यूरो चीफ आर एल पांडेय

लखनऊ। प्रशान्त कुमार पुलिस महानिदेशक उ०प्र० द्वारा समस्त जोनल अपर पुलिस महानिदेशक / पुलिस आयुक्त, परिक्षेत्रीय, पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जनपद प्रभारी उ०प्र० को अनुपालन हेतु भीड़ जनित आपदा/भगदड़ से बचाव के दृष्टिगत वृहद आयोजनों में भीड़ प्रबंधन व पुलिस व्यवस्थापन हेतु मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) निर्गत की गयी है।

उत्तर प्रदेश राज्य अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक तथा धार्मिक विरासत के लिये पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। विभिन्न धर्मों के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक, आध्यात्मिक तथा ऐतिहासिक । सांस्कृतिक स्थल यहां अवस्थित हैं, जहाँ नियमित रूप से वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उक्त आयोजनों में न केवल देश के वरन विश्व के कई स्थानों से भारी संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं। इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच, विभिन्न मॉल, रेलवे स्टेशन, राजनैतिक पार्टियों के कार्यक्रम तथा आध्यात्मिक संतों के कार्यक्रम में भी भारी संख्या में जनसमुदाय की भागीदारी रहती है। उक्त स्थानों पर किसी भी समय भीड़ जनित आपदा व भगदड़ की पूरी सम्भावना रहती है। विगत में जनपद लखनऊ, प्रतापगढ़, वाराणसी, प्रयागराज (इलाहाबाद रेलवे स्टेशन) तथा हाथरस में इस प्रकार की घटनायें घटित हो चुकी हैं। इसके दृष्टिगत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिकरण (National Disaster Management Authority & NDMA) द्वारा भी भीड़ प्रबंधन के दृष्टिगत अनेक सुझाव दिये गये हैं। इसी परिप्रेक्ष्य में भीड़ जनित आपदा / भगदड़ से बचाव के दृष्टिगत वृहद् आयोजनों में भीड़ प्रबंधन व पुलिस व्यवस्थापन हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर से मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की गयी है, जिसमें

अपेक्षित कार्यवाही के बिन्दु निम्नवत हैः- 1. भीड़ जनित आपदा के दृष्टिगत निरन्तर की जाने वाली कार्यवाही

• किसी भी भीड़ जनित आपदा के दृष्टिगत जनपद / कमि०/ परिक्षेत्र / जोन स्तर पर एक एकीकृत प्रणाली (Integrated System) विकसित करते हुए जिला मजिस्ट्रेट, मुख्य चिकित्साधिकारी, सिविल डिफेन्स, अग्निशमन, विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों तथा स्थानीय पुलिस के स्तर पर नियमित रूप से उक्त प्रणाली को विकसित व अपडेट किये जाने हेतु निरन्तर कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।

आपदा प्रबन्धन (Crisis Management) से सम्बन्धित समस्त विभागों को सम्मिलित

• करते हुए नियमित पूर्वाभ्यास (Rehearsal) 1

• स्थानीय परिस्थितियों का समावेश करते हुए उक्त योजना को नियमित रूप से प्रतिवर्ष अपडेट/अपग्रेड किया जाये।

• जनपद की पुलिस लाइन में विशेष आयोजनों में सुरक्षा, भीड़ नियन्त्रण तथा
सुव्यवस्थित यातायात संचरण के दृष्टिगत आवश्यक संसाधनों व उपकरणों की नियमित देखरेख व कर्मियों को समुचित प्रशिक्षण दिया जाये।

• जनपद / कमिश्नरेट / परिक्षेत्र / जोन स्तर पर समस्त राजकीय व निजी अस्पतालों को चिन्हित कर लिया जाये।

2. कार्यक्रम के दृष्टिगत अग्रिम तैयारी

• वरिष्ठ अधिकारियों, स्थानीय मजिस्ट्रेट व अन्य सम्बन्धित विभागीय अधिकारी के
साथ कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया जाना।

• अनुमतिकर्ता अधिकारी तथा स्थानीय पुलिस द्वारा यह पूर्णरूप से सुनिश्चित कर
लिया जाये कि कार्यक्रम स्थल पर किसी प्रकार का कोई खतरा विद्यमान नहीं है तथा उस स्थल पर आगन्तुकों का सुरक्षित आवागमन सम्भव है।

• विशिष्ट अतिथियों के आगमन का मार्ग, जोन सेक्टर स्कीम प्रबन्धन तथा कन्टिनजेन्सी प्लान के सम्बन्ध में कार्ययोजना ।

• कार्यक्रम से सम्बन्धित Threat Perception के अनुसार अन्य सम्भावित खतरों यथा-अग्निजनित दुर्घटना, विद्युत जनित दुर्घटना, मार्ग दुर्घटना, श्वास अवरोध आदि के सम्बन्ध में समुचित आकंलन करते हुए आपात कालीन योजना के अनुसार यथोचित व्यवस्थापन।

• समस्त सम्बन्धित विभागों यथा नोडल मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, सुरक्षा एजेन्सी, नगर निगम, खाद्य सुरक्षा विभाग, एयरपोर्ट सुरक्षा से सम्बन्धित समस्त एजेन्सी तथा प्रोटोकॉल / जिला प्रशासन से समन्वय ।

• कार्यक्रम धार्मिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक, खेल आदि किस प्रकार का है, इसकी विस्तृत जानकारी कर आगन्तुकों की संख्या का पूर्वानुमान।

• प्रभावी सुरक्षा व सुव्यवस्थित यातायात हेतु आवश्यक पुलिस/पीएसी/सीएपीएफ बल, राजपत्रित अधिकारी तथा संसाधनों हेतु औचित्यपूर्ण माँग पत्र तैयार किया
जाना।

• बैरिकेटिंग का सम्यक परीक्षण करते हुए सुरक्षित, मजबूत व सुव्यवस्थित बैरिकेटिंग।

3. आयोजन के दौरान प्रबन्धन व व्यवस्थापन

• राजपत्रित अधिकारी व स्थानीय मजिस्ट्रेट को प्रभारी नियुक्त किया जाना।

• ड्यूटी पर लगाये गये समस्त पुलिस / पीएसी/सीएपीएफ / अग्निशमन अधिकारियों की समुचित ब्रीफिंग व डीब्रीफिंग।

• पब्लिक एड्रेस सिस्टम यथा लाउड हेलर, आदि का प्रयोग करते हुए ड्यूटी पर लगाये गये समस्त बल को सक्रिय किया जाना।

• अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था करना।

• अफवाह फैलाने वाले तथा असामाजिक तत्वों पर सतर्क दृष्टि रखा जाना।

• आवश्यकतानुसार पुलिस बल के साथ-साथ विभिन्न अनुपूरक बलों यथा- सिविल डिफेन्स, एसपीओ, होमगार्ड, ग्राम चौकीदार, पुलिस मित्र, एस-10 सदस्यों, जनप्रतिनिधियों, सेवानिवृत्त राजकीय कर्मियों व सी-प्लान ऐप के सदस्यों आदि का भी समुचित प्रयोग।

• आयोजकों व स्थानीय प्रशासन से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम स्थल पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था, पीने का पानी, पंखे, एम्बुलेन्स तथा मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के अनुरूप संसाधनों का व्यवस्थापन ।

• भीड़ नियंत्रण योजना (Crowd Control Plan) के अनुरूप व्यक्तियों व वाहनों का आवागमन तथा पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना।

• श्रेणीबद्ध सुरक्षा प्राप्त तथा विशिष्ट अतिथियों के आवागमन का मार्ग आम जनमानस के मार्ग से पृथक रखा जाना अथवा उनके आवागमन का समय अलग-
अलग रखा जाना ।

• जनपदीय अभिसूचना तन्त्र, सोशल मीडिया सेल तथा कण्ट्रोल रूम को सतर्क करते हुए सोशल मीडिया पर विशेष रूप से निगरानी रखा जाना। इस संबंध में किसी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही किया जाना।

• कार्यक्रम स्थल पर लगाये गये सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग तथा आपरेशनल कन्ट्रोल एवं कमाण्ड सेन्टर को यथा आकस्मिक व्यवस्थाओं सहित समय से सक्रिय किया जाना।

4. आयोजन के दौरान किसी भी भगदड या आपात स्थिति में की जाने वाली कार्यवाही

• भगदड़ के पीड़ितों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा प्रदान किये जाने हेतु चिकित्सा विभाग से समन्वय स्थापित कर आसपास के अस्पतालों में पहुंचने हेतु अधिक से अधिक संख्या में एम्बुलेंस का प्रबंध करते हुए ग्रीन कॉरिडोर तैयार
कराकर समस्त चिकित्सीय व्यवस्थापन कराया जाना।

• मृतकों को घटनास्थल व अस्पताल से उनके घर पहुँचाने अथवा अन्तिम संस्कार कराये जाने हेतु स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर यथोचित कार्यवाही।

• आवश्यकता का आंकलन करते हुए स्थानीय फील्ड यूनिट, अग्निशमन बल, बीडीएस टीम, पीएसी की फ्लड प्लाटून व एनडीआरएफ। एसडीआरएफ को भी तत्काल सूचित करते हुए घटनास्थल पर बचाव व अन्य कार्यों में संयोजित कराया जाना।

• मीडिया व सोशल मीडिया की समुचित ब्रीफिंग की जाये, जिससे कोई भी गलत तथ्य अथवा अफवाह प्रसारित न हो सके।

• घटना के सम्बन्ध में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकरण तथा घटना के लिए जिम्मेदार अभियुक्तों की तत्परतापूर्वक गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाये। घटना से सम्बन्धित समस्त साक्ष्यों को संरक्षित करते हुए ठोस एवं पुष्टिकारक साक्ष्यों के आधार पर अभियोग से सम्बन्धित विवेचनाओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाये।

उक्त SOP के साथ-साथ स्थानीय परिस्थितियों व आवश्यकता का समुचित आंकलन, समय समय पर केन्द्र सरकार, विभिन्न एजेन्सियों, समितियों, जांच आयोगों तथा शासन द्वारा भी अनेक एडवाइजरी व दिशा निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में कार्यवाही की अपेक्षा की गयी है।

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