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हम-आप विरासत में मिली जैव विविधता को समझें
जीवन की विविधता के मूल में एक मूलभूत सत्य निहित है। जंगल में सब कुछ अन्तर्सबंधो से बंधा है। जैव विविधता (जै0वि0) ही जीवन की नैया का खेवनहार है। जितनी अधिक जै0वि0, उतना ही अधिक जीवन का उत्कर्ष, उतना ही प्रबल जीवन गामी पृथ्वी का ब्रहमाण्ड में साम्राज्य। यह जीवन के स्थायित्व और चिरंजीविता के केन्द्र में है, किन्तु जै0वि0 के योग से भी परे अस्तित्व से आलोक से सराबोर जीवन स्वयं में नैसर्गिक विकास की एक मनोरम गाथा का प्रतीक है।
जै0वि0 प्रकाश की जीवन कहानी है, जिसे सूर्य का प्रकाश प्रकाश-संश्लेषण के माध्यम से जीवन ऊर्जा के अनन्त रूपों में खिलकर आकाश गंगाओं को सुनाता है। पेड़-पौधों के पर्ण रहित से अठखेलियां कर प्राकृतिक विकास के नवाचारों के झरोखे खोलता प्रकाश अनन्त जीवों और पारिस्थितिक तन्त्रों को निरन्तर पोषित करता है। जीवन गाथा को अमर बनाये रखने के लिए नई प्रजातियां और उनके आनुवंशिक रूप जीवन को समृद्धि और आनन्द का उपहार देते रहते हैं।
एक बहती नदी के समान, ऊर्जा जीवन के विभिन्न माध्यमों से स्वयं को अभिव्यक्त करती है। पदार्थ निष्क्रिय होता है, ऊर्जा क्रियाशील। पदार्थ की क्रियाशीलता ऊर्जा के कारण होती है। सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की गतिशीलता का स्त्रोत ऊर्जा ही है।
मुक्तावस्था में ऊर्जा विध्वंसक रूप ले सकती है जिसे एन्ट्रापी कहते हैं। असंख्य जीवन वाहिकाओं में प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से प्रवेश कर सौर ऊर्जा एक रचनात्मक अभिव्यक्ति प्रदर्शित करती है। सभी जीवधारियों का व्यवहार और उनके कार्यकलाप उसी ऊर्जा की रचनात्मक अभिव्यक्तियां हैं। मुक्तावस्था में यही ऊर्जा अराजक हो सकती है। ऊर्जा जीवन की जितनी विविधता में क्रियाशील होगी, उतनी ही सृजनशीलता और सन्तुलन की अवस्था में होगी।
इसी प्रकार पृथ्वी की भी ब्रह्माण्ड के सन्तुलन में महत्तवपूर्ण भूमिका है। ब्रह्माण्ड की एन्ट्रापी को नियंति कर एक ब्रहमांडीय सन्तुलन स्थापित करना है। जै0 वि0 भरी पृथ्वी का अनुष्ठान है। पृथ्वी पर जीवन केवल पृथ्वी का ही नहीं, ब्रह्माण्ड का एक उपादान है। पृथ्वी का उदय ब्रहमांड के विकास की अनवरत मात्रा का एक लक्ष्य रहा होगा। ब्रह्माण्ड में बिग बैंग की घटना से कालान्तर में पृथ्वी-रूपी अमृत निकला, जै0 वि0 जिसकी बूंदे हैं।
जीवन की स्थिरता, गतिशीलता और निरंतरता उसकी विविधता पर निर्भर है। जै0 वि0 जीवन की जलवायु संबंधी अनियमित्ताओं के प्रति लचीला बनाती है और प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम जीव समुदायों को पोषित करती है। जै0 वि0 का समृद्धि भण्डार जैव-रसायनिक चक्रों की निरन्तरता सुनिश्चित करता है। इसके अतिरिक्त जै0 वि0 पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखती है और जैव मण्डल के जीवन-निर्वाह को संरक्षित करती है।
जै0 वि0 हमारे जिन्दा गृह को जीवन-शक्ति प्रदान करती है। इस अदभुत विविधता के जागरूक प्रबंधक के रूप में आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवन के बहुरूप दर्शन को संरक्षित करना हमारा परम दायित्व है। जीवों के पारस्परिक तालमेल और मानव सहित सम्पूर्ण जीवन के अस्तित्व के लिए जै0 वि0 जीवन के मूल सार का प्रतीक है।
जै0 वि0 जीवन की रचनात्मकता की असंख्य अभिव्यक्तियों को दर्शाती है, जिसमें प्रजातियों, पारिस्थतिक तन्त्र और आनुवंशिक विविधता का समृद्धि स्पेक्ट्रम सम्मिलित है और जो हमारे गृह पर स्वयं हमारी प्रजाति के अस्तित्व के पहले से निवास करते हैं। वस्तुतः पारिस्थितिक दर्शन की अन्तर्दृष्टि हमें जै0 वि0 की केवल दोहन किये जाने वाले संसाधन के रूप में नहीं वरन एक पवित्र विरासत के रूप में समझने के लिए प्रेरित करती है।
सूक्ष्म जीव से लेकर विशालकाय रेड बुक तक, प्रत्येक जीव पारिस्थितिक संन्तुलन और स्वास्थ्य को बनाये रखने में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाते हुये जीवन की जटिल प्रतिक्रियाओं में योगदान देते हैं। वर्तमान में जै0 वि0 जीवित पृथ्वी की परम आत्मा का प्रतीक है जिसके बल पर हमारा जैव मण्डल, जीवन-शक्ति और सन्तुलन के साथ स्पदित होता है।
अभूतपूर्व पर्यावरण चुनौतियों के युग में जै0 वि0 जीवन के अस्तित्व की कुंजी है। वर्तमान में जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन में तेजी आ रही है और पारिस्थितिक तंत्र बढ़ते खतरों का सामना कर रहा है, पारिस्थितिक दर्शन से मिला ज्ञान हमें प्रकृति के साथ अपने सम्बन्धों को फिर से जागृत करने और पारिस्थितिक प्रबन्धन के प्रतिमान को अपनाने का आग्रह करता है। भावी पीढ़ियों के लिए जै0 वि0 सुख, समृद्धि और सन्तोष की विरासत सुनिश्चित करती है।
(प्रोफे0 जी0 सी0 पाण्डेय-अवकाश प्राप्त)
सरस्वती सम्मान प्राप्त पर्यावरण विद, अयोध्या-7800592800
पर्यावरण बचाइये: 147-आ0वि0 कालोनी, अंगूरीबाग, अयोध्या। मानवता बचाइये