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पीयू को मिला 7.13 करोड़ का शोध अनुदान
· ऊर्जा के क्षेत्र में शोध के लिए डीएसटी,भारत सरकार ने जारी किया पत्र
· विश्वविद्यालय में दिवाली पूर्व खुशी का माहौल
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने प्रतिष्ठित प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस (DST-PURSE) अनुदान प्रदान किया है। यह अनुदान ऊर्जा के क्षेत्र में शोध के लिए प्रदान किया गया है।इस वर्ष यह अनुदान पाने वाला यह प्रदेश का अकेला विश्वविद्यालय है। वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय, जौनपुर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश का एक मुख्य कॉलोबोरेटर है। वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय, जौनपुर के पास इसी क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के कई प्रोजेक्ट्स वर्तमान संचालित है। इस उपलब्धि से विश्वविद्यालय में दिवाली पूर्व खुशी का माहौल है। यह विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो वैज्ञानिक अनुसंधान को एक नई दिशा देगा।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई देने वाला और उत्तर प्रदेश को विज्ञान एवं नवाचार में अग्रणी स्थान पर स्थापित करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय का डीएसटी परियोजना पर्स के लिए चयन इसकी शैक्षणिक उत्कृष्टता और ज्ञान को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है।यह विश्वविद्यालय ही नहीं अपितु पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय है।इस अनुसन्धान से सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा, और उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में व्यापक शोध होगा। यह स्थायी ऊर्जा के क्षेत्र में समकालीन चुनौतियों का समाधान करने में सहायक होगा । उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में पूर्वांचल विश्वविद्यालय से पूर्व प्रदेश में स्थापित केंद्रीय विश्वविद्यालय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और इलाहाबाद विश्वविद्यालय को यह विशेष सम्मान प्राप्त हुआ है।
मार्च 2024 में भारत के लगभग 100 विश्वविद्यालयों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, भारत सरकार को परियोजना प्रस्ताव प्रस्तुत किया था जिसके व्यापक मूल्यांकन के बाद अगस्त 2024 में कुलपति प्रो. वंदना सिंह के नेतृत्व में डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. काजल डे तथा प्रो. गिरिधर मिश्र को नई दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में पर्स परियोजना प्रबंधन बोर्ड के समक्ष इस परियोजना प्रस्ताव की प्रस्तुति के लिए बुलाया गया था।
अनुदान की प्राप्ति की सूचना प्राप्त होने पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने परियोजना समन्वयक डॉ. धीरेंद्र के. चौधरी, उप समन्वयक डॉ. काजल डे, परियोजना क्रियान्वयन समिति एवं विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षकों को बधाई दिया है। स्वीकृति पत्र प्राप्ति के अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार,वित्त अधिकारी संजय कुमार,परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो.मानस पाण्डेय,प्रो. अजय द्विवेदी,प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजेश सिंह,प्रो. संदीप सिंह,प्रो. अशोक श्रीवास्तव,प्रो. रजनीश भास्कर,प्रो. प्रमोद यादवा,प्रो. मुराद अली,प्रो. राज कुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह,प्रो. रवि प्रकाश,डॉ. विक्रांत भटेजा,डॉ.प्रमोद कुमार, डॉ. संजीव गंगवार,डॉ. सुजीत चौरसिया,डॉ. नीरज अवस्थी,उप कुलसचिव अमृतलाल,बबिता सिंह,अजीत प्रताप सिंह सहित शिक्षक उपस्थित रहे । विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के शोध प्रमुख (रिसर्च हेड) डॉ राजेश कुमार गंगवार, संयुक्त निदेशक ने वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय, जौनपुर के शोध वैज्ञानिकों को उनकी इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई प्रेषित की है। उनके अनुसार वीर बहादुर सिंह विश्वविद्यालय, जौनपुर को प्राप्त यह प्रोजेक्ट पूर्वी उत्तर प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए अपार नए शोध संभावनाओं के द्वार खोलेगा । विद्यार्थियों को विश्व स्तर के शोध के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा । पूर्वी उत्तर प्रदेश में बनारस हिंदू विश्विद्यालय एवं प्रयागराज विश्विद्यालय के बाद जौनपुर शिक्षा का नया केंद्र बिंदु बनने की ओर अग्रसर है ।