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विनोबा निर्वाण ढाई दिवसीय मित्र मिलन पवनार वर्धा में संपन्न
ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
पवनार (वर्धा)।सुबह धामनदी में स्थित बाबा की फूलों से सुसज्जित समाधि स्थल पर सभी लोग भजन गाते हुए गए और परिक्रमा की समाधि माटी दीपों से सजाई गई थी। जैसे ही दीप जले बहुत सुंदर दृश्य लग रहा था।
बापू कुटी पर 83 वेदमंत्रों का पाठ हुआ।
शंख ध्वनि से प्रारंभ हुआ मित्र मिलन समारोह। अतिथियों का स्वागत सुश्री मनोरमा बहन ने करते हुए कहा कि जो लोग साल भर में अपने बीच से गए उनको श्रद्धांजलि दी गई। जिनमें श्री अरुण भाई भट्ट , चन्नम्मा दीदी, कनकमल गांधी,श्री अरुण सूरीजी: संध्या बहन , ललिता बहन के भाई वागीश जी प्रस्थान आश्रम की सुमति मित्तल आदि थे। उसके बाद कंचन दीदी ने प्रास्ताविक रखते हुए कहा कि विनोबा जी साक्षात् ऋषि थे जिन्हें हम सबने यहां आश्रम में देखा। ब्रह्मविद्या का अदभुत प्रयोग उनके विचारों के अनुसार किया गया। विनोबा सेवा आश्रम के संस्थापक रमेश भइया ने कहा कि विनोबा जी के तीन कार्य हमें आज की परिस्थिति में करने हैं ,पहला स्वाध्याय करना है, तो हम गीता प्रवचन का कर सकते हैं। दूसरा यदि बाबा का कोई काम करने लायक है तो वह ग्राम स्वराज्य है।जिसमें हम सबको लग जाना ही चाहिए। तीसरा कार्य है कि गांव गांव में हमें एक कार्यकर्ता तैयार करने की जरूरत है। अर्थात मैत्री बढ़ाने की जरूरत है। जितना हो सके हमें मित्रों को जोड़ना चाहिए। साढ़े दस बजे विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ होने के बाद आदरणीय ऊषा दीदी का प्रवचन हम सबने सुना ।जिन्होंने विशेष रूप से सेवक साधक और शोधक के बारे में बताया। उसके बाद प्रख्यात लेखक श्री पराग चोलकर जी को सुना। इस सत्र का संचालन सुश्री कुसुम जौहरी बहन सचिव
सर्वोदय आश्रम हरदोई ने किया और अंत में अपनी बात कहते हुए कहा कि बाबा के काम को हम सबको मिलकर बढ़ाना चाहिए। दोपहर के बाद श्री लक्ष्मी दास उपाध्यक्ष राष्ट्रीय हरिजन सेवक संघ दिल्ली के संचालन में कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें बस्तर के गांधी पद्मश्री धर्मपाल सैनी ने अपने जमाने की कहानियों की बात की। तमिलनाडु हरिजन सेवक संघ के अध्यक्ष श्री पी मारुति, राष्ट्रीय हरिजन सेवक संघ के सचिव संजय राय को सुना। आज के कार्यक्रम संचालक श्री लक्ष्मीदास ने भी सुंदर विचार रखे। दूसरे दिन कार्यक्रम की शुरुआत आबिदा बहन बंगलौर ने करते हुए कहा कि युवाओं को गांधी विनोबा विचार से जोड़ने की जरूरत है। आश्रम की शीला दीदी को ब्रह्मविद्या मंदिर पर सभी ने सुना।वर्धा के डा उल्लास जाजू और भरत महोदय ने भी विचार प्रस्तुत किए। नोएडा के डा ब्रज गोपाल सिंह ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए । वर्धा के दो सेवक बंधु बिक्रम और विवेक ने सुंदर विचार प्रस्तुत किए लोक भारती विद्यापीठ भावनगर में ग्रामबंधु पाठ्यक्रम के प्रभारी अमित शाह ने कहा कि ग्राम (गुजरात विद्यापीठ ग्राम शिल्पी कार्यक्रम से मिलता जुलता है। एक गांव में बैठकर अपने प्रयोग करता है। पूना की गीता ताई को सुना।बलिया जनपद की संस्था ग्राम कुंज के श्री धनंजय राय के यहां से चयनित फेलोशिप ग्राम बंधु कुमारी पूजा बहन राजीव कुमार,अशोक कुमार, सत्येंद्र कश्यप और जितेंद्र ने भी अनुभव साझा किए। ब्रह्मविद्या मंदिर की ज्योति दीदी ने भूदान पर सोचने का आग्रह किया ।विश्व कुंज आश्रम छपरा बिहार के श्री मनोहर मानव की भी आध्यात्मिक चर्चा कर ब्रह्माण्ड को सुना।
पूना के प्रकाश उपासने और गुजरात के शिल्पी जलदीप भाई कर्नाटक के करीम भाई ने ने अपनी बात रखी।श्री अमित परमार ने भी फिर बड़ौदा भूमिपुत्र की संपादक सुश्री पारुल बहन ने भी अपने विचार व्यक्त किये। तीसरा दिवस अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के प्रोफेसर संदीप वर्मा ने संचालन करते हुए यह बताया कि उनका जुड़ाव पवनार आश्रम से कैसे हुआ। उन्होंने सीमा बहन नागपुर को गीता स्वाध्याय शिविर की रिपोर्ट रखने का मौका दिया।उन्होंने बताया कि पवनार में जुलाई के अंतिम सप्ताह में जो गीता स्वाध्याय शिविर हुआ। जिसमें आश्रम की बहनों ने बहुत रुचि दिखाई।देश भर से 40 बहनें आईं थीं। उसके बाद पहला शिविर विनोबा सेवा आश्रम शाहजहॉपुर में इंटर में पढ़ने वाली छात्राओं ने 9 से 11 सितंबर तक किया।सबको गीता प्रवचन पुस्तक दी गई।इसके बाद नाशिक में आवासीय शिविर नीलू नावरेकर दीदी के यहां हुआ जिसमें 46 लोगों ने भाग लिया। बहुत अच्छा शिविर हुआ। अब आई बारी मित्र मिलन समापन की ।जिसमें कंचन बहन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।पवनार आश्रम की गंगा दीदी के आशीर्वाद से समापन करते हुए दीदी ने कहा कि आप सभी के यहां आने से हम सबको बहुत खुशी होती है ।आप के कामों की जानकारी हमें और ज्यादा प्रसन्नता देती है। बाबा के आशीष से आप सभी के काम खूब बढ़ें आप सब यहां आते रहें। अंत में गुजरात मि
की जम्मू दीदी के साथ सभी ने शुभ मंगल हो शुभ मंगल हो गीत गाकर समापन हुआ। सभी के आंखों को गीला कर गया था गंगा दीदी का संबोधन। मां जैसा भाव वहां की दीदी लोगों से सदैव मिलता रहा है।सांस्कृतिक कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने सबै भूमि गोपाल की नाटक ने सभी को बाबा के भूदान यात्रा के और विशेष रूप से गौतम भाई और उनकी अनुसुइया मां की याद दिला दी। इस बार का मित्रमिलन गहराई को समर्पित रहा। सबेरे प्रार्थना के बाद तीन दिन क्रमशः ऊषा दीदी गौतम भाई और नाशिक को नीलू नावरेकर का प्रवचन सुनने को मिला। अन्नपूर्णा भवन की सेवाएं सुचारू बनाने में हेमा बहन कमला बहन मृदुला बहन शशि बहन आदि का योगदान गंगा दीदी के मार्गदर्शन में रहा। आवास व्यवस्था नलिनी दीदी और सुभाष पाटिल की सेवाओं ने सुंदर बनाया। मंच की साज सज्जा में कंचन दीदी के साथ अमित परमार अनिल उपाध्याय संदीप वर्मा मालती बहन आदि ने खूब अच्छा संभाला।