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अयोध्या। (अमित कुमार मणि त्रिपाठी संवाददाता बीकापुर)चुनाव अधिसूचना जारी होते ही उर्वरक कंपनियों द्वारा एवं फुटकर विक्रेताओं से यूरिया के साथ जिंक सल्फर आदि सामग्री देने का दबाव बनाकर संपूर्ण मिल्कीपुर क्षेत्र में यूरिया विक्रेताओं द्वारा जहां निर्धारित दर पर यूरिया ना देकर 310 प्रति 45 किलो साथ में 5 किलो जिंक या 5 किलो सल्फर लगाकर ₹510 में बेरोकटोक बिक्री की जा रही है।आरोप के मुताबिक जिसके चलते संपूर्ण तहसील क्षेत्र के यूरिया के लिए हाहाकार मचा है।वही सरकारी गोदामों पर भी यूरिया को भाव में बेचा जा रहा है।इस संबंध में लोगों ने आरोप लगाया कि इसमे ऐसा लगता है कि यूरिया की कालाबाजारी में जिला कृषि रक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारी महत्वपूर्ण योगदान साबित हो रहा है।जिसके चलते मौजूदा सरकार की चौतरफा बदनामी हो रही है।यही तो निकट भविष्य में यूरिया का बहुत बड़ा मुद्दा पानी आएगा।यूरिया की कालाबाजारी के विषय में जब विभाग के अधिकारियों से बात की गई थी कहां इस दुकान का मामला है उक्त बातों से साफ जाहिर हो जाता है कि दुकानों से माहवारी ना मिलने के कारण दुकानों पर छापामारी करके लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाती है। किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाता।लोगों के मुताबिक इन्हें अधिकारियों की भ्रष्ट कारगुजारी ओके चलते आए दिन किसान के काम के समय सहकारी समितियों एवं प्राइवेट दुकानदारों द्वारा यूरिया की कृत्रिम अभाव पैदा कर मनमाने भाव से बिक्री की जाती है।कोई सुनने वाला नहीं रहता वहीं एक तरफ यहां किसान यूनियन किसानों के अधिकारों के लिए दमखम भर्ती है।यह भी ऐसा मालूम पड़ता है कि दुकानदारों से मिलकर अन्य किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे है।आज के दशक के संपूर्ण तहसील क्षेत्र की बाजारों इनायत नगर कुचेरा पेट्रोल पंप अस्थाना अग्यारी कुरावन तरौली बाजारों में फुटकर विक्रेता एवं साधन सहकारी समितियों जैसे मिल्कीपुर कुचेरा शुकुलपुरा धौराहरा अमानीगंज आदि समिति पर महंगी दर यूरिया की कालाबाजारी की जा रही है परंतु अधिसूचना के दौरान कोई कार्यवाही करने को तैयार नहीं किसानों का मानना है कि अधिसूचना के दौरान सारे अधिकारी बेलगाम हो जाते हैं यदि नहीं तो कालाबाजारी क्यों नहीं रोकी जा रही है यही दशा रही तो गेहूं की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।