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वाराणसी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के वाराणसी सिटी, बनारस स्टेशन समेत आठ स्टेशनों पर कुल 133 आइसोलेशन कोचों को फिर से व्यवस्थित कर लिया गया है। आने वाले दिनों में जरूरत पड़ी तो यहां भी कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा सकेगा। रेल अधिकारियों की मानें तो इन कोचों का उपयोग अस्पताल में बेड फुल होने के बाद किया जाना था। लेकिन पहले और दूसरे लहर में इनका उपयोग नहीं किया जा सका।
रेलवे की ओर से एक कोच में आठ आइसोलेशन केबिन बनाए गए हैं। इनमें कुल 19 मरीजों को रखने की व्यवस्था है। इनमें एक डाक्टर केबिन और एक स्टोर रूम की व्यवस्था भी है। मरीजों के लिए तीन टॉयलेट और बाथरूम की भी व्यवस्था है। सभी केबिन में ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति के लिए होल्डर, मरीज को ड्रिप लगाने के लिए स्टैंड, वाटर बॉटल होल्डर और मच्छरदानी के साथ वॉश बेसिन की सुविधा दी गई है।
रेलवे द्वारा संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर जिला प्रशासन की देखरेख में आइसोलेशन कोच की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। मामूली लागत से आइसोलेशन कोच तैयार किए गए हैं। स्वास्थ्य उपकरणों की व्यवस्था जिला प्रशासन की ओर से कराई गई है। – पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर
सबसे पहले मऊ रेलवे स्टेशन पर हुआ उपयोग
संक्रमण की पहली लहर में जून 2020 में रेलवे प्रशासन की ओर से पूरे देश में पांच हजार आइसोलशन कोच तैयार किए गए थे। इसका सबसे पहला प्रयोग मऊ रेलवे स्टेशन और उसके बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर किया गया था।
वाराणसी मंडल के इन स्टेशनों पर की गई व्यवस्था
स्टेशन कोचों की संख्या
वाराणसी सिटी 16 कोच
बनारस स्टेशन 22 कोच
गाजीपुर सिटी 11 कोच
बलिया 12 कोच
पटेहरी 12 कोच
गोपालगंज 12 कोच
भटनी 13 कोच
पिपरीडीह 23 कोच
जलालपुर 12 कोच
कुल योग 133 कोच
उत्तर रेलवे ने वापस भेजा आइसोलेशन कोच
उत्तर रेलवे के कैंट रेलवे स्टेशन पर कोरोना की पहली लहर में मंगाए गए 10 आइसोलेशन कोचों की उपयोगिता न होने पर उन्हें वापस लखनऊ भेज दिया गया है। उत्तर रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि आवश्यकता पड़ने पर कोचों को दोबारा व्यवस्थित कर मंगा लिया जाएगा।