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जौनपुर : भगवान का वात्सल्य भक्त की भावना के उद्वेग से छलक उठता है। प्रभु भक्त के बस में होते हैं। मानव के हाथ में कर्म है। फल भगवान के हाथ में होता है। जनक पुर में विश्वामित्र राम लक्षमण को लेकर पहुंचे। दिव्य आवास की व्यवस्था महाराज जनक द्वारा प्रदान की गई। गुरु विश्वामित्र ने राम लक्ष्मणको आज्ञा प्रदान करते है।कि अपना दिव्य मनोरम दर्शन देकर सबके मनोरथ को सु फल करो। राम जी के आने पर सभी शिशु,नर,नारी उनके दर्शन के लिए आते हैं। दर्शन कर उनकी आंखें तृप्त हो जाती हैं। भक्त के कल्याण के लिए भगवान मनुष्य बन जाते हैं। धनुष यज्ञ शाला को देखकर श्री राम आश्चर्य चकित हो जाते हैं। इस यज्ञ के माध्यम से जगतम्बा सीता भगवान श्री राम का संयोग होना है। श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान है। मानस महोत्सव के संयोजक राजेन्द्र प्रसाद दुबे ने आचार्य श्री पं, मदनमोहन मिश्र का माल्यार्पण कर स्वागतकर, भक्त श्रोताओं का अभिनन्दन किये।