लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा0 वाई.पी.सिंह ने साहित्यकारों का किया उत्साहवर्धन

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मृत्युन्जय प्रताप सिंह 
लखनऊ। राजधानी के कैसरबाग स्थित भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय के कलामंडपम सभागार में राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान द्वारा वर्ष 2021-22 के साहित्यिक पुरस्कारों का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम की खास बात यह रही कि उन साहित्यकारों को सम्मानित किया गया जो सरकारी फाइलों को निपटाने में अपना ज्यादातर समय व्यतीत करते हैं। उनके द्वारा इस काम से समय निकालकर साहित्य का सृजन करना एक सुखद अनुभूति है। ये सरकारी कर्मचारी खूबसूरत साहित्य की रचना कर रहे हैं। यह बात इस कार्यक्रम के द्वारा संज्ञान में आयी।
इस अवसर पर राज्य कर्मचारी साहित्य संस्थान के अध्यक्ष व पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन उपस्थित रहे। उन्होने अपने वक्तव्य में कहा कि यह देखकर आश्चर्य होता है कि आप लोग इतना बेहतरीन साहित्य रच रहे हैं। उन्होने राज्य कर्मियों की रचनात्मकता की सराहना करते हुये कहा कि आप सभी ने प्रेरक रचनायें की हैं। वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डा0 विद्या बिंदु सिंह ने कहा कि सभी रचनायें श्रेष्ठ हैं। उन्होने कहा कि आप सब की रचनायें ये सिद्ध करती हैं कि देश का हर बच्चा मोहन व महात्मा बनने की क्षमता रखता है। विशिष्ट अतिथि व लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा0 वाई.पी.सिंह ने साहित्यकारों की सराहना और उत्साहवर्धन किया। संस्थान की प्रचार मंत्री सीमा गुप्ता ने बताया कि 24 श्रेणियों में वर्ष 2021-22 के साहित्यिक पुरस्कार वितरित किये गये हैं। इन सभी को एक-एक लाख रूपये नगद, स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट की गयी। डा0 विजयानंद को ओम प्रकाश चतुर्वेदी पराग गीत पुरस्कार (21 हजार रूपये नगद), व डा0 मृदुला पंडित को रमन लाल अग्रवाल रम्मन पुरस्कार (11 हजार रूपये नगद) से सम्मानित किया गया। 19 साहित्यकारों को साहित्य गौरव सम्मान व डा0 हरि प्रकाश अग्रवाल हरि को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया। सभी को 5100 की पुरस्कार राशि, स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट की गयी। उन्होने बताया कि समारोह में कुल 46 साहित्यकारों को विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। समारोह में संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका अपरिहार्य के जनवरी-मार्च अंक, रामलखन यादव पवन की पुस्तक आध्यात्मिक बिन्दु, सुखदेव पांडे की पुस्तक भगवान बुद्ध और उनका विचार लोक और डा0 सत्येन्द्र कुमार सिंह की पुस्तक मोहन से महात्मा तक का विमोचन किया गया। इस अवसर पर पद्मश्री डा0 विद्या बिन्दु सिंह ने अपने उद्बोधन में बताया कि संस्थान के महामंत्री डा0 दिनेश चन्द्र अवस्थी हमेशा पर्दे के पीछे रहकर काम करने में विश्वास करते हैं। इन्हें 2018 में शिव सिंह सरोज पुरस्कार के लिये नामित किया गया। लेकिन वे हमेशा पुरस्कार लेने से बचते रहे हैं। उनके आग्रह पर डा0 दिनेश चन्द्र अवस्थी को संस्थान के अध्यक्ष आलोक रंजन ने सम्मानित किया।
*इन्हे दिया गया साहित्य गौरव सम्मान*
मनोरमा लाल, दिनेश उन्नावी, गौरी शंकर वैश्य विनम्र, डा0 हरि प्रकाश श्रीवास्तव अवधी हरि, रजनीश कुमार गुप्ता, राम प्रकाश शुक्ल प्रकाश, प्रतिभा त्रिपाठी, विनोदनी रस्तोगी, प्रदीप कुमार वर्मा, सचिवालय दर्पण के सम्पादक डा0 अखिलेश कुमार श्रीवास्तव, डा0 जहांआरा, आलोक राजा, प्रियांशु वात्सल्य, रेनू द्विवेदी, रवि प्रकाश मिश्र सूर्य व राजीव आचार्य।

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