अमर शहीदों को शत शत नमन भावपूर्ण श्रद्धांजलि: सरदार रनजीत सिंह

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ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय
लखनऊ। जन समाज सेवा संस्था द्वारा इंकलाब जिंदाबाद,जय हिंद, वंदे मातरम,जय भारत, के नारे लगाते हुए देश भक्ति एवं देश की आजादी के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले अमर सपूतों शहीद सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी के शहीदी दिवस पर भिन्न-भिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा राष्ट्रीय गान, मेरा रंग दे बसंती चोला जैसे गीतों के बाद संस्था के अध्यक्ष सरदार रनजीत सिंह ने अमर शहीदों को शत शत नमन, कोटि कोटि प्रणाम, भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि स्वतंत्रता के लिए फांसी पर चढ़ने वाले अमर शहीदों के ऊपर जो मुकदमा चल रहा था उस मुकदमे को भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में लाहौर षड्यंत्र के नाम से जाना जाता है। सभी आजादी के दीवानों को 23 मार्च 1931 की शाम 7:33 पर फांसी दी गई भगत सिंह का मानना था कि आदमी को मारा जा सकता है उसके विचारों को नहीं, बड़े साम्राज्य का पतन हो सकता है लेकिन विचार हमेशा जीवित रहते हैं। शहीद सरदार भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव भारत के वह सच्चे सपूत थे जिन्होंने अपनी देशभक्ति और देश प्रेम को अपने प्राणों से अधिक महत्व दिया और मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर कर गए, आज का दिन न केवल देश के प्रति सम्मान और हिंदुस्तानी होने वा गौरव का अनुभव कराता है बल्कि वीर सपूतों के बलिदान को भीगे मन से श्रद्धांजलि देता है। संस्था के कर्मठ सदस्य सुनील अग्रवाल जी ने भारत के सपूतों की शहादत को नमन करते हुए कहा कि इस शहीदी दिवस को सभी देशवासियों को एक साथ मिलकर बड़े स्तर पर मनाना चाहिए जिससे नई पीढ़ी को आज की आजादी का एहसास हो सके इसके बाद संस्था द्वारा श्री गुरु गोविंद सिंह पार्क ऐशबाग शहीदों की याद में पौधारोपण किया कार्यक्रम में गुरुद्वारा ऐशबाग के ज्ञानी जी अनेक सिंह, गुरुद्वारा लाल कुआं के ज्ञानी कुलदीप सिंह, जसबीर कौर, निरंजन जौहरी, सरदार कमलजीत सिंह,मनरीत सिंह राजेंद्र सिंह ,बलवंत सिंह, कृष्णा, गुरमीत सिंह, कुलदीप सिंह, हरमिंदर सिंह, गुरदीप सिंह,उपस्थित थे।

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