*कभी पिता ने सीएम योगी के लिए छोड़ी थी कुर्सी अब बेटा कर रहा बगावत*

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*कभी पिता ने सीएम योगी के लिए छोड़ी थी कुर्सी अब बेटा कर रहा बगावत*

 

रिपोर्ट नीतीश जायसवाल आज़मगढ़

आजमगढ़. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद जब योगी आदित्यनाथ यूपी के सीएम बने तो उन्हें विधान परिषद भेजने के लिए एमएलसी एशवंत सिंह ने एमएलसी पद से त्याग पत्र दे दिया था। अब सीएम योगी दोबारा यूपी की बागडोर संभालने जा रहे है। एमएलसी चुनाव सरकर के लिए एक बड़ी चुनौती है लेकिन इस चुनाव में यशवंत के पुत्र विक्रांत सिंह रीशू सीएम योगी के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। उनके निर्दल मैदान में उतरने से बीजेपी का चुनावी समीकरण सीधे तौर पर गड़बड़ हो रहा है और इसका पूरा फायदा सपा उठा सकती है।

बता दें कि यशवंत सिंह की गिनती पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में होती है। उन्हें मुलायम सिंह का बेहद करीबी माना जाता था। सपा ने उन्हें विधान परिषद सदस्य भी बनाया था। वर्ष 1996 में बीजेपी सरकार बनाने के लिए यशवंत सिंह ने बसपा तोड़कर जन तांत्रिक बसपा का गठन किया था और बीजेपी ने उन्हें सरकार में आबकारी मंत्री बनाया था। उन्हें जन तांत्रिक बसपा के बैनर तले ही लोकसभा चुनाव भी लड़ाया गया था लेकिन यशवंत चुनाव हार गए थे। बाद में यशवंत फिर सपा में चले गए। अखिलेश यादव ने उन्हें एमएलसी बनाया था।

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की यूपी में प्रचंड बहुुमत की सरकार बनी तो योगी आदित्यनाथ सीएम बने। उस समय मुख्यमंत्री लोकसभा के सदस्य थे। लोकसभा की सदस्यता छोड़ने के बाद यशवंत सिंह ने सीएम योगी के लिए एमएलसी पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद उसी सीट से सीएम योगी एमएलसी चुनेे गए थे। यह अलग बात है कि बाद में बीजेपी ने यशवंत को दोबारा एमएलसी बना दिया था। बीजेपी 2017 के चुनाव में यशवंत को मुबारकपुर सीट से विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहती थी लेकिन यशवंत तैयार नहीं हुए।

यशवंत के पुत्र लंबे विक्रांत सिंह रीशू लंबे समय से एमएलसी चुनाव में टिकट की दावेदारी कर रहे थे। उन्हें टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन चुनाव स्थगित हो गया। विधानसभा चुनाव के दौरान ही जब फरवरी में एमएलसी चुनाव की घोषणा हुई तो तो रीशू पूरे ताकत से मैदान में उतर चुके थे लेेकिन फूलपुर पवई विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद पूर्व विधायक अरूणकांत भी एमएलसी के टिकट की दावेदारी शुरू कर दिये। हाल में पार्टी ने अरुण को प्रत्याशी भी बना दिया।

अब रीशू निर्दल मैदान में उतर चुके हैं। यशवंत सिंह भी पुत्र की खुलकर मदद कर रहे हैं। यशवंत सिंह की सठियांव, जहानागंज ब्लाक से लेकर मऊ जनपद में गहरी पैठ है। रिशू के मैदान में आने से अरुणकांत की मुश्किल बढ़ गयी है। कारण कि सवर्ण मतदाता तेजी से रीशू के साथ जुड़ रहा है। जबकि बीजेपी के अच्छे प्रदर्शन का सारा दारोमदार इन्हीं मतदाताओं पर निर्भर है। इसका पूरा फायदा सपा उठा रही है। कारण कि बड़ी संख्या में सपा के लोग ग्रामपंचायत से लेकर क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत का चुनाव जीतकर आए हैं।

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