विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 के आवाह्न पर 2 दिन के राष्ट्रव्यापी हड़ताल

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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति

जौनपुर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ0प्र0 के आवाह्न पर 2 दिन के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के सर्मथन में दिनांक 28-29.03.2022 को कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया था उसी क्रम में आज दिनांक 29.03.2022 को समय 03ः00 बजे से 05ः00 बजे तक जोरदार विरोध प्रर्दशन किया गया समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों ने पूरे दिन कार्य बहिष्कार किया।
मुख्य मांगेः-
1. निजीकरण हेतु जारी किए गए इलेक्ट्रीसिटी;अमेंडमेंटद्ध बिल 2021 और स्टैण्डर्ड बिडिंग डॉक्युमेंट के मसौदे को वापस लिया जाए।
2. निजीकरण की समस्त प्रक्रिया निरस्त की जाए और ग्रेटर नोएडा का निजीकरण व आगरा का फ्रेन्चाइजी करार रद्द किया जाए।
3. केरल के केएसईबी लिमिटेड की तरह उप्र में भी सभी ऊर्जा निगमों का एकीकरण कर यूपीएसईबी लिमिटेड का गठन किया जाए।
4. सभी बिजली कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन प्रणाली लागू की जाए।
5. तेलंगाना की तरह ऊर्जा निगमों में कार्यरत सभी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाए और नियमित पदों पर नियमित भर्ती की जाए।
6. शांतिपूर्ण आन्दोलन के कारण प्राविधिक कर्मचारी संघ के सदस्यों की वेतन कटौती और अन्य दमनात्मक कदम वापस लिये जायें।
7. सभी संवर्गों की वेतन विसंगतियों का निराकरण किया जाए और पूर्व की भाँति सभी संवर्गों को तीन पदोन्नति पद के समयबद्ध वेतनमान दिए जाएं।

उपरोक्त विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता ई0 हरिश चन्द्र प्रजापति और संचालन श्री निखिलेश सिंह के द्वारा किया गया। कार्य बहिस्कार/विरोध सभा को ई0 राम अधार, ई0 नजम अहमद, श्री संजय यादव, श्री हरिकेश यादव, श्री अरविन्द मिश्रा, श्री प्रमोद कुमार मौर्या आदि ने सम्बोधित किया तथा धरना प्रर्दशन में ई0 ए0के0 सिंह, ई0 मनोज कुमार, ई0 गोपाल सिंह, ई0 मनीजर प्रसाद, ई0 इमामुद्दीन, ई0 सियाराम, जू0ई0 आतिश यादव, श्री निर्भिक भारती, श्री विपिन गुप्ता, श्री अरविन्द सोनकर, श्री प्रभात पान्डेय, श्री रंगीले, श्री अश्वनी कुमार, श्री राजेश यादव, श्री संतोष श्रीवास्तव, श्री अमित खरे, श्री मोहन पाण्डेय, श्री कृष्णा, श्री विजय चौहान, श्री विजय प्रकाश, श्री पंकज गिरी, श्री तिलकधारी इत्यादि लोग मौजूद रहे। पूर्वांचल अध्यक्ष श्री निखिलेश सिंह द्वारा अपने संबोधन में चेतावनी दी गयी कि अगर कारपोरेशन द्वारा उक्त मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आगे वृहद स्तर पर विरोध प्रदर्शन/कार्य बहिष्कार किया जायेगा।

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