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देश की उपासना न्यूज़
उमाकान्त श्रीवास्तव ब्यूरो चीफ
शाहजहांपुर
बलिया जनपद में नकल माफियाओं की पोल खोलने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के प्रकरण में आज ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की ओर से पैदल मार्च करके जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया इस दौरान जिले भर से आए सैकड़ों पत्रकारों ने जिलाधकारी उमेश प्रताप सिंह तथा पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार को पेन भी भेंट किए।
वही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों ने अपने चैनल की आईडी अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामसेवक द्विवेदी को सौंपी और कहा की अब पत्रकारिता करना बड़ा ही दुश्वार हो गया है।
आज ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के बैनर तले सभी पत्रकार एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए पत्रकारों के बीच में उपजे मनमुटाव को भुलाते हुए गांधी भवन में इकट्ठे हुए तथा वहां से पैदल मार्च करते हुए थाना सदर बाजार , खिरनी बाग चौराहा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां प्रदर्शन किया। इस दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामसेवक द्विवेदी ने पत्रकारों के पास आकर ज्ञापन प्राप्त किया और पत्रकारों को आश्वासन दिया कि अब शाहजहांपुर जिले में पत्रकारों पर कोई मुकदमा दर्ज होने से पहले उनकी जांच कराई जाएगी।
जिला अधिकारी उमेश प्रताप सिंह भी अपने कार्यालय के बाहर आए और उन्हें ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजीव शर्मा ने बताया कि शाहजहांपुर जिले में पत्रकारों पर धड़ाधड़ मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं इस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि जिले में जितने भी पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं। उनकी एक सूची बनाकर हमें दे ताकि हम पुलिस अधीक्षक से इस संबंध में निश्चित ही वार्ता करेंगे।
इस दौरान जिला अध्यक्ष राजीव शर्मा ने कहा के उच्च अधिकारियों के ऐसे निर्देश है के पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज होने से पहले एक राजपत्रित अधिकारी से मामले की जांच कराई जाए परंतु नहीं कराई जा रही है । अब जिले में भी एक ऐसी कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें 5 से लेकर 7 सदस्य शामिल होंगे जो पत्रकारों के मामले में अपनी जांच करके रिपोर्ट प्रशासन को देंगे और प्रशासन का अधिकारी भी अपनी जांच करेगा इसके बाद दोनों रिपोर्टों की जांच करने के बाद ही कोई कार्रवाई अमल में लाई जाएगी जिस पर पुलिस अधीक्षक नगर संजय कुमार ने आश्वासन दिया कि अब आगे से ऐसा ही होगा।
वरिष्ठ पत्रकार शिवकमार ने कहा कि अब पूरे प्रदेश में पत्रकारों को सताने की हद हो गई है । तथा उनकी कलम को कुचला जा रहा है । पत्रकार अगर किसी घटना को उजागर करता है तो उसके विरुद्ध प्रशासन की ओर से मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है । यह बहुत ही निंदनीय है बलिया में हुई घटना से पत्रकारों को सीख लेनी चाहिए और पूरे प्रदेश के पत्रकारों को चाहिए कि वह इकट्ठे हो और प्रशासन पत्रकारों पर जो मुकदमें लिखवा रहा है उनका डटकर विरोध करें।
वरिष्ठ पत्रकार जरीफ मलिक आनंद ने सभी पत्रकारों को आवाहन किया कि अभी भी समय है सभी लोग इकट्ठे हो जाएं अन्यथा एक – एक करके पत्रकारों को बलिया की तरह मोहरा बनाया जाता रहेगा।
वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप दीपक ने बलिया प्रकरण पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहां कि अब ऐसा नहीं चलेगा बलिया में बलिया प्रशासन ने जो भी किया वह काफी निंदनीय कार्य है । वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए और यदि सरकार ऐसा नहीं करती है तो समझा जाएगा कि सरकार ही मीडिया का दमन कर रही है।
ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि बलिया में नकल माफियाओं के कृत्य की व्यापक जांच एवं पेपर लीक का खुलासा करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ पत्रकार अजीत ओझा , दिग्विजय सिंह , मनोज गुप्ता के विरुद्ध दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए।
बलिया जनपद के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारियों की भूमिका की न्यायिक जांच कराई जाए तथा प्रदेश में पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए । इसके अलावा विभिन्न समाचार पत्रों चैनलों मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों को शासन स्तर से सूचीबद्ध किया जाए।
उत्तर प्रदेश की प्रेस मान्यता नियमावली में संशोधन कर उसमें पत्रकारों की सुरक्षा के लिए उपबंध को शामिल किया जाए तथा प्रदेश में पत्रकार आयोग का गठन करके उसमें मान्यता प्राप्त सभी संगठनों को प्रतिनिधित्व दिया जाए।
उत्तर प्रदेश में किसी भी पत्रकार को किसी प्रकरण में कथित रूप से संलिप्त पाए जाने की दशा में तब तक गिरफ्तारी न की जाए जब तक पुलिस विभाग के एक राजपत्रित अधिकारी स्तर से इसकी जांच पूरी न करा ली जाए और वरिष्ठ पत्रकारों के संज्ञान में लाए बिना कोई कार्यवाही न की जाए।
जनपद में नगर निगम से संचालित की जा रही महानगर सेवा की बसों में भी अन्य महानगरों की तरह पत्रकारों के लिए सीट आरक्षित की जाए और उन्हें निशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जाए।
इस दौरान पूरे जनपद से आए पत्रकारों को वरिष्ठ पत्रकार दीप श्रीवास्तव , संजीव गुप्ता , सरदार शर्मा , प्रेम शंकर गंगवार , मास्टर हामिद फरीदी , आरिफ सिद्दीकी सहित अन्य पत्रकारों ने भी संबोधित किया और प्रशासन को चेतावनी भी दी कि अब जिले में ऐसा नहीं चल पाएगा कि जब चाहे तब पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कर दिया जाए।
ज्ञापन देने वालों में गोविंद अवस्थी , शिवम दिक्षित , योगेश बाजपेई , विवेक वर्मा , इमरान खान , नंदलाल , अंकित जोहर , अभिनव मिश्रा , शुभम श्रीवास्तव , ध्रुव सिंह , सलीम खान , गोपाल गुप्ता , मुबारक अली , श्रद्धा शर्मा कुलदीप दीपक , फैजान खान , अफरोज अली , आरिफ सिद्दीकी , मोहम्मद अफाक , संदीप शर्मा , कुलदीप सिंह , पंकज दीक्षित , पंडित विमलेश , नीरज कुमार रिंकू , रमाशंकर दीक्षित , रामानुज आनंद , उमाकांत श्रीवास्तव , हरिहरनाथ मिश्रा सुशील तिवारी , तारे शर्मा , राजीव मिश्रा , उमेश कुमार शर्मा , अजीत मिश्रा , अनुभव गुप्ता , सूरत सहाय , राजू यादव , अमित सक्सेना , संजय श्रीवास्तव , सुशांत शुक्ला , रामविलास , बलजीत , दीप श्रीवास्तव , रोहित यादव , पंडित आनंद शर्मा , मोहम्मद शईद , इमरान सागर , गौरी शंकर मिश्रा , राजा शर्मा , सलीम खान , तबस्सुम खान समेत ग्रामीण क्षेत्र से आए सैकड़ों की तादाद में पत्रकार इकट्ठे थे।
इण्डिया लिट्रेसी बोर्ड,साक्षरता निकेतन को जॉंच के निस्तारण तक यथास्थिति बनाये रखने का दिया आदेष।