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सार
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, यह सौर तूफान धरती की तरफ 16 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आ रहा है, जोकि कुछ समय में और ज्यादा तेज हो जाएगा।
विस्तार
सूरज की तरफ आने वाले इस तूफान से धरती के चुंबकीय क्षेत्र पर असर पड़ सकता है, जो लोग उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव के आसपास रहते हैं, उन्हें रात में आसमान में खूबसूरत औरोआ देखने को मिल सकता है, लेकिन यह खूबसूरती अपने साथ कई तरह की दिक्कतें भी लेकर आ रही है।
तेजी से बदलेंगे अंतरिक्ष के हालात
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का कहना है कि पिछले कई वर्षों में हमने सूरज में काफी कम हलचल देखी है। ऐसा अधिकतर सोलर मिनिमम के दौरान ही होता है, लेकिन अब हम सोलर मैक्सिमम की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। यह 2025 में अधिक तेज होगा।
जीपीएस और मोबाइल नेटवर्क नहीं करेगा काम!
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, यह सौर तूफान धरती की तरफ 16 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आ रहा है, जोकि कुछ समय में और ज्यादा तेज हो जाएगा। जैसे ही यह तूफान धरती के चुंबकीय क्षेत्र में प्रवेश करेगा, इसकी वजह से सैटेलाइट सिग्नल बाधित होंगे, जिससे जीपीएस, टीवी, मोबाइल नेटवर्क में दिक्कत आ सकती है।
जानें क्या है जियोमैग्नेटिक तूफान
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा द्वारा अध्ययन के मुताबिक सूर्य की सतह पर बड़े पैमाने पर भारी विस्फोट होते हैं, जिसके दौरान कुछ हिस्से बेहद चमकीले प्रकाश के साथ भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हैं जिसे सन फ्लेयर कहा जाता है। जिसमें अंतरिक्ष में कई मिलियन मील प्रति घंटे की गति से एक अरब टन के बराबर चुंबकीय ऊर्जा निकलती है, जिससे सूर्य की बाहरी सतह का कुछ हिस्सा खुल जाता है और इसी छिद्र से ऊर्जा निकलने लगती हैं और यह आग के गोले की तरह दिखते हैं। अगर यही ऊर्जा लगातार कई दिनों तक निकलती रहे तो इससे बहुत छोटे न्यूक्लियर कण भी निकलने लगते हैं जो ब्रह्मांड में फैल जाते हैं, जिसे जियोमैग्नेटिक तूफान कहा जाता है।