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रामनवमी के अवसर पर देश में कई स्थानों पर जुलूसों पर पथराव से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भड़क उठे हैं। उन्होंने कहा कि ये हमले देश की ‘गंगा जमुनी तहजीब’ के दावों के विपरीत है। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में यह भी कहा कि अब सब्र टूट रहा है।
तेजतर्रार भाजपा नेता ने कहा कि देश ने आजादी के बाद नई मस्जिदों के निर्माण और मुस्लिमों की आबादी में कई गुना बढ़ोतरी पर कभी आपत्ति नहीं जताई, जबकि पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर मंदिर तोड़े गए, जहां हिंदू लगभग विलुप्त होने को हैं। इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अब धीरज खो रहा है।
ओवैसी के बयान पर भड़के
सोमवार रात उत्तरी बिहार के कटिहार जिले में पत्रकारों से चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंह एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर भड़क उठे। उन्होंने ओवैसी और ‘जिन्ना के डीएनए वाले’ धर्मनिरपेक्ष राजनेताओं पर की टिप्पणी कि हिंदुओं को धार्मिक जुलूस निकालते समय सांप्रदायिकता भड़कने से बचने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में जाने से बचना चाहिए।
सिंह ने सवाल किया कि इस देश में नहीं तो रामनवमी के जुलूस कहां निकाले जाएंगे? पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में? अगर किसी अन्य धर्म के जुलूसों पर हमले होते तो राहुल गांधी और बीमार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद अपने राजनीतिक पर्यटन के लिए सड़कों पर उतर जाते। गिरिराज सिंह अपने तीखे बयानों के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं। बिहार के बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने कर्नाटक के हुबली में पुलिस अधिकारियों पर हमले व दिल्ली की जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा पर कड़ी नाराजगी प्रकट की।
उन्होंने कहा कि वह गोरखपुर में हुई घटना से स्तब्ध हैं, जहां एक आईआईटी ग्रेजुएट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले धार्मिक संस्थान गोरखधाम पीठ में घुसने का प्रयास किया और गिरफ्तार होने से पहले सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर दिया था। युवक पर यूएपीए कानून के तहत केस दर्ज किया गया है।
मुहर्रम जुलूसों में भाग न लें हिंदू
सिंह ने कहा कि देश का बंटवारा 1947 में हुआ था। हमें हिंदू-बहुल या मुस्लिम-बहुल इलाकों की बात करके दोबारा वही गलती नहीं करनी चाहिए। हिंदुओं को मुहर्रम के ताजिया जुलूसों में हिस्सा नहीं लेना चाहिए।