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ज्ञानवापी मामले में अदालत के आदेश के बाद जिला प्रशासन कमीशन की कार्यवाही शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने की तैयारी में जुट गया है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी को नोटिस जारी करके निर्देश दिया है कि यदि उनके पास परिसर में बंद तालों की चाबी है तो कमीशन की कार्यवाही के दौरान उसे मुहैया कराया जाए।
इसके साथ ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) को कार्यवाही के दौरान ज्ञानवापी व मस्जिद परिसर को खाली कराने का निर्देश दिया है। अधिवक्ता आयुक्त से भी कमीशन की कार्यवाही के दौरान मौजूद रहने वाले व्यक्तियों की सूची मांगी है।
कोर्ट के आदेश का अनुपालन हमारी शीर्ष प्राथमिकता
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि अधिवक्ता आयुक्त हटाने की मांग के समय से ही शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से प्रशासन ने स्पष्ट आदेश का अनुरोध किया था। इसमें हमने मौके की स्थिति, चाबी नहीं मिलने की स्थिति व अंदर लोगों की मौजूदगी पर आदेश मांगा था।
एक और मस्जिद नहीं खोना चाहता : ओवैसी
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अदालत के आदेश के बाद बयान दिया कि यह खुला उल्लंघन है। मसाजिद कमेटी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने एक बाबरी मस्जिद खो दी है और दूसरी मस्जिद नहीं खोना चाहता। उन्होंने कहा कि योगी सरकार को उन लोगों के खिलाफ तुरंत केस दर्ज करना चाहिए जो धार्मिक स्थलों की प्रकृति को बदलने की कोशिश करते हैं। अगर अदालत उन्हें दोषी पाती है तो उन्हें तीन साल की जेल हो सकती है।
नफरत व अलगाव धर्म का मार्ग नहीं: यतींद्रानंद गिरी
न्यायालय के आदेश का जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि ने स्वागत किया है। इसके साथ ही मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने के सरकार के निर्णय की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि धर्म इंसानियत मानवता का मार्ग बताता है।
नफरत अलगाव की बात करने वाला धर्म का मार्ग नहीं हो सकता। इस निर्णय का सभी को स्वागत करना चाहिए और सहयोग भी करना चाहिए। हम जब सत्य की राह पर चलेंगे तभी अमन शांति सद्भाव कायम हो सकता है। हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों को इसी देश के अंदर रहना है। ऐसे में सद्भाव और भाईचारा ही धर्म की राह दिखाता है।