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गीताप्रेस के शताब्दी समारोह में होंगे शामिल; विशिष्ट श्रीरामचरितमानस’ और ‘तत्व विवेचनी’ का करेंगे लोकार्पण
गीताप्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि शताब्दी वर्ष समारोह का शुभारंभ 14 अप्रैल को पूजन-अर्चन से हो चुका है। राष्ट्रपति की उपस्थिति में गोष्ठी का पहला बड़ा कार्यक्रम होगा। गोष्ठी का कोई विषय नहीं रखा गया है। राष्ट्रपति स्वेच्छा से अपना उद्बोधन देंगे। सबसे पहले वह लीला चित्र मंदिर का भ्रमण करेंगे। इसके बाद गोष्ठी में शामिल होंगे।3 दिसंबर को गीता जयंती और 3 मई 2023 को समापन अवसर पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। समापन समारोह में वृंदावन के श्रीमलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास महाराज ने भक्तमाल कथा आयोजित करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
विदित हो कि गीता प्रेस की स्थापना 14 मई 1923 को जय दयाल गोएंका ने की थी। जिसका उदे्श्य घर-घर में श्रीमद्भगवत गीता को पहुंचाना रहा है। इस प्रक्रिया में अब तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें गीता प्रेस से छप चुकी हैं।
96 वर्ष से निरंतर चल रही कल्याण पत्रिका की भी 15 करोड़ से अधिक प्रतियां अब तक प्रकाशित हो चुकी हैं। विश्व प्रसिद्ध गीता प्रेस अब तक 80 करोड़ से अधिक धार्मिक पुस्तकें और 15 से अधिक कल्याण पत्रिका के अंक प्रकाशित कर चुका है। गीता प्रेस 18 भाषाओं में 1800 तरह की पुस्तकों का प्रकाशन करता है।