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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ‘आजादी की असली लड़ाई’ छेड़ने की तारीख का एलान कर देने के साथ देश में आर-पार की सियासी लड़ाई की लकीरें खिंच गई हैं। यहां यह आम धारणा है कि अगला एक हफ्ता पाकिस्तान की राजनीति में निर्णायक होगा।
अराजकता फैलाने की ‘इमरानी साजिश’
इमरान खान ने बुधवार यानी 25 मई को अपने बहुचर्चित इस्लामाबाद कूच शुरू करने का एलान किया है। इसे आजादी की असली लड़ाई बताते हुए उन्होंने सेना से कहा है कि इसमें तटस्थ रहे। इमरान खान के मुताबिक इस्लामाबाद कूच की मुख्य मांग यह है कि नेशनल असेंबली को तुरंत भंग कर नए चुनाव के कार्यक्रम का एलान किया जाए। खान ने कहा- ‘पाकिस्तान के खिलाफ एक साजिश अमेरिका में रची गई। सत्ता बदलने के लिए अमेरिकियों ने उन पाकिस्तानियों का इस्तेमाल किया, जो देश में सबसे ज्यादा भ्रष्ट हैं और जो अपने भ्रष्टाचार के लिए किसी भी साजिश का हिस्सा बनने को तैयार हैं।’
पाकिस्तान के सत्ताधारी गठबंधन ने इस्लामाबाद कूच को देश में अराजकता फैलाने की ‘इमरानी साजिश’ कहा है। पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हमजा शहबाज ने एक बयान में कहा- ‘इमरान खान और उनके समर्थक जनता के हमदर्द नहीं हैं। इमरान खान अपने अहंकार को पूरा करने के लिए पूरे देश को बंधक नहीं बना सकते।’ उधर शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली संघीय सरकार में सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि अगला चुनाव कब होगा, यह तय करने का अधिकार सिर्फ सरकार को है। उन्होंने पाकिस्तान के आवाम से कहा- ‘अब पाकिस्तान के इस दुश्मन के खिलाफ खड़ा होने का समय आ गया है।’
गिरफ्तार होंगे इमरान!
राजनीतिक पर्यवेक्षकों की राय है कि दोनों तरफ के रुख को देखते हुए टकराव के तीखा रूप लेने का पूरा अंदेशा है। आशंका जताई गई है कि इमरान खान के लाखों समर्थक इस्लमाबाद आकर यहीं लंबे समय के लिए डेरा डाल सकते हैं, जिससे राजधानी का आम जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। मरियम औरंगबेज पहले कह चुकी हैं कि ऐसी सूरत को टालने के लिए अगर जरूरी हुआ तो इमरान खान को गिरफ्तार भी किया जाएगा। लेकिन पर्यवेक्षकों को अंदेशा है कि इमरान खान को गिरफ्तार करने हालत में देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा भड़क सकती है।
इस बीच कई पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज करने के शहबाज शरीफ सरकार के फैसले से पहले से ही गरम सियासी माहौल और सुलगता दिख रहा है। तीन पत्रकारों के खिलाफ सेना की आलोचना करने के लिए मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ ‘बगावत भड़काने’ का इल्जाम लगाया गया है। इनमें से रियाज खान नाम के पत्रकार के खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा है कि उन्होंने सेना के खिलाफ अपमानजनक और भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल किया। बाकी दो पत्रकारों पर सेना के खिलाफ नफरत का माहौल बनाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है।
इस घटना से सरकार के खिलाफ इमरान खान को एक और मुद्दा बन गया है। रविवार को एक ट्विट में खान ने कहा कि ‘अमेरिकी साजिश के तहत सत्ता में आयातित सरकार ने फर्जी पर्चों को आधार बना कर’ पत्रकारों पर कार्रवाई की है, जिसे किसी भी सूरत में मंजूर नहीं किया जाएगा।