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लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अब आबादी वाले इलाकों में सीसी रोड ही बनाएगा। ग्रामीण व अन्य जिला मार्ग (ओडीआर) श्रेणियों की सड़कों के लिए यह निर्णय किया गया है। इससे जहां सड़कें ज्यादा चलेंगी, वहीं जलभराव से भी छुटकारा मिलेगा। इसके लिए जल्द कैबिनेट में प्रस्ताव लाने की तैयारी हो रही है।
देखने में आया है कि आबादी वाले इलाकों में डामर (हॉटमिक्स) से बनाई गईं ग्रामीण व ओडीआर श्रेणी की सड़कें ज्यादा नहीं चल पाती हैं। घरों से निकला पानी सड़कों को जर्जर बना देता है। इसलिए शासन स्तर से फैसला किया गया है कि ग्रामीण मार्गों या ओडीआर के जितने हिस्से के एक या दोनों ओर आबादी है, वहां सीसी रोड ही बनाई जाए और जल निकासी के लिए नाले भी बनाए जाएंगे। सड़क का जो हिस्सा सीसी रोड से बचेगा, उस पर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाई जाएंगी, ताकि बारिश या सामान्य दिनों में कीचड़ की समस्याएं न रहे।
खराब सड़कों की शिकायत पर सीसी रोड बनाने का फैसला
सड़कें जल्द खराब होने के कई उदाहरण और शिकायतें सामने आने के बाद लोक निर्माण विभाग ने आबादी वाले इलाकों में सीसी रोड ही बनवाने का फैसला किया है। लखनऊ के गोमतीनगर में खरगापुर मुख्य मार्ग का एक बड़ा हिस्सा पानी निकासी का समुचित इंतजाम न होने के कारण जर्जर स्थिति में पहुंच गया है।
इसी तरह बरेली के ग्रामीण श्रेणी के सूदनपुर-धनैती खड़गपुर मार्ग के बड़े हिस्से पर वर्ष भर पानी भरा रहता है। यहां सड़क के दोनों ओर घनी आबादी है। इसी तरह की स्थिति गोंडा समेत कई जिलों में देखी जा रही है। प्रतापगढ़ के शिवगढ़ ब्लॉक में दुर्गागंज बाजार से नरहरपुर तक सड़क काफी खराब है। ये सभी मार्ग डामर (तारकोल व बजरी) से बनाए गए हैं। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों का कहना है कि सीसी रोड की लागत जरूर ज्यादा होती है, मगर इनके नवीनीकरण की नौबत काफी देर से आती है। इसलिए दीर्घ अवधि में सीसी रोड पर डामर सड़कों के मुकाबले कम लागत आती है।