लहरपुर की पंचायत दारानगर में सचिव बदलना,क्या हुए भ्रष्टाचार से पर्दा गिराना हो सकता है

Getting your Trinity Audio player ready...

पवन कुमार सिंह
सीतापुर। हुए घोटाले से पर्दा उठना चाहिए न कि घोटाले के राज से पर्दा उठाने के बजाय वहां पर तैनात कर्मचारी को बदल दिया जाए क्या समाचार के संज्ञान लेकर यह सब हो रहा है, अधिकारी आखिर क्या दारानगर में हुए घोटालों का सच छिपाने के लिए कर्मचारी को बदल रहे हैं या कर्मचारी को ग्राम पंचायत से हटाकर बचाने का प्रयास कर रहे हैं मामला जो भी हो बड़ा पेचीदा हो गया है जब से सचिव बदलने की बात सामने आई है तब से बातें होने लगी हैं कि यह सब अधिकारियों की साजिश है जिससे कि दारानगर में हुए लोक कल्याणकारी योजनाओं में घोटाले का पर्दा गिराया जा सके और अगर जांच होती है तो उसमें पंचायत सचिव बृजेश कुमार सिंह दायरे से बाहर हूं तो क्या वाकई यह सब साजिश है अगर ऐसा है तो दारानगर ग्राम पंचायत में बड़ा घोटाला होने के संकेत हैं और इसकी जांच होनी ही चाहिए अगर इसकी जांच नहीं होती है तो यह स्पष्ट हो जाता है कि इस जांच ना होने के पीछे अधिकारियों की षड्यंत्रकारी भ्रष्ट मिलीभगत कार्यशैली है।लेकिन जनमानस में मांग उठने लगी कि जिस तरीके से पूर्व में तैनात सचिव बृजेश कुमार सिंह और दारानगर ग्राम प्रधान की मिलीभगत से जो कार्य किए गए उन कार्यों की निष्पक्षता से जांच हो और जो भ्रष्टाचार हुआ है उस पर कार्यवाही हो लेकिन ऐसी भी बातें हो रही हैं की यह टेढ़ी खीर है, जांच होना इतनी जल्दी संभव नहीं है,क्योंकि जांच हो गए तो यह तय है कि किए गए भ्रष्टाचार से सचिव बृजेश कुमार सिंह न तो बच पाएंगे और न ही ग्राम प्रधान इससे बच सकते हैं। परंतु विकासखंड स्तर अधिकारियों कार्यशैली भी संदेह के घेरे में आ गई है। इस पर जांच होना मुमकिन नहीं लगता क्योंकि यह सचिव बदलकर हिमांशु दीक्षित बना दिए गए हैं तो क्या घोटाले पर पर्दा पड़ा रहेगा और अधिकारियों की साजिश कामयाब हो जाएगी। फिलहाल जांच होगी या नहीं इस पर कुछ कहना मुश्किल है देखना होगा आगे अधिकारियों की कार्यशैली क्या नया करेगी।
—————-
बाक्स
बीडीओ साहब लहरपुर,घोटाले से पर्दा उठाइए,सचिव हटाने से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं रूकेगी?
सीतापुर। उत्तर प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो उसका उजागर होना भी बहुत आवश्यक है और अगर भ्रष्टाचार है तो जड़ों को भी काटना जरूरी है जिसके लिए प्रदेश सरकार ने कई अल्टीमेटम जारी किए हैं और जिसकी जद में कई अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक आए और उनके ऊपर कार्यवाही की गई। परंतु दारानगर में जो घोटाला हुआ है उस पर की बातों का सिलसिला थम नहीं रहा है बताते हैं कि चर्चाएं होने लगी हैं, बीडीओ साहब लहरपुर दारानगर में सचिव बदलने से काम नहीं चलने वाला घोटाले के राज से पर्दा उठना चाहिए और जो भ्रष्टाचार हुआ है उसकी जांच होनी चाहिए जिससे यह पता चल सके आखिर क्या घोटाला हुआ है, इससे अन्य घोटालेबाज सचिव को सबक मिलेगा और प्रदेश सरकार की कार्यशैली का पता चलेगा।परंतु यहां तो पंचायत सचिव बदलकर बीडीओ साहब लहरपुर कुछ और ही दिशा में क्या खींच रहें हैं,बातें हो रही हैं अगर ऊपर शासन तक बात पहुंची तो कार्यवाही की जद में उच्चाधिकारी भी आ सकते हैं। देखना होगा दारानगर के भ्रष्टाचार का खुलासा होगा या मामला ठंडे बस्ते में जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *