जमानत हुआ ख़ारिज। पीयू में कर रहे थे फ़र्जी तरीके से मूल्यांकन

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कई वर्षों से चल रहे खेल का हुआ भंडाफोड़, मूल्यांकन केंद्र पर विश्वविद्यालय के अधिकारियों की कड़ी नजर।

शाहगंज/जौनपुर।

पत्रकार- धनन्जय विश्वकर्मा

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में चल रहे मूल्यांकन केंद्र में पकड़े गए फर्जी परीक्षक सुभाष चंद्र की जमानत गुरुवार को नामंजूर हो गई है।
कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य के कड़े निर्देश के बाद मूल्यांकन केंद्र पर लगातार परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह और सहायक कुलसचिव अमृत लाल पटेल निरीक्षण कर रहे हैं।
परीक्षकों के सभी डॉक्यूमेंट चेक करने के बाद ही अंदर जाने की अनुमति मिल रही है। उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन पर भी नजर रखी जा रही है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि परीक्षकों की संख्या बढ़ने पर विश्वविद्यालय परिसर के शिक्षकों को भी मूल्यांकन कार्य में निगरानी के लिए लगाया जाएगा। ताकि मूल्यांकन की शुचिता पर किसी प्रकार का सवाल न उठे। इसके पूर्व कुलपति ने जांच के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया था। कमेटी ने जांच शुरू कर दी है। मूल्यांकन केंद्र पर सभी प्रपत्रों की जांच के बाद ही अंदर जाने की अनुमति मिल रही है। इस संबंध में कुलपति ने कुलसचिव समेत विश्वविद्यालय के अधिकारी के साथ एक बैठक की। कुलपति प्रो.मौर्य ने परीक्षा नियंत्रक समेत केंद्र समन्वयकों को हिदायत दी की किसी भी प्रकार लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कुलपति ने कहा कि मूल्यांकन केंद्र पर ठंडे पानी की व्यवस्था के साथ नाश्ते में किसी प्रकार की कमी ना हो। पिछले दिनों अचानक परीक्षकों की संख्या बढ़ जाने के कारण यह मामला सुनने में आया था इसे तत्काल ठीक करने के निर्देश दिए हैं।

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