हाईस्कूल टॉप टेन में 70 फीसदी बेटियां, यूपी बोर्ड ने घोषित किया परिणाम, 88 फीसदी परीक्षार्थी पास

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यूपी बोर्ड हाईस्कूल का परीक्षा परिणा घोषित होने के बाद खुशी मनाते रानी रेवती इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राएं।

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा में इस बार टॉप टेन में जगह बनाने वालों में 70 फीसदी बेटियां हैं। वहीं, शीर्ष तीन स्थानों पर कब्जा जमाने वाले चार परीक्षार्थियों में भी दो बेटियां शामिल हैं। कानपुर के प्रिंस पटेल ने 97.67 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है। मुरादाबाद की संस्कृति ठाकुर और कानपुर नगर की किरन कुशवाहा 97.50 फीसदी अंकों के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहीं। कन्नौज के अनिकेत शर्मा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया है। हाईस्कूल का रिजल्ट 88.18 फीसदी फीसदी रहा। माध्यमिक शिक्षा परिषद की निदेशक डॉ. सरिता तिवारी के अनुसार इस बार बेटियों का परिणाम छात्रों के मुकाबले 6.44 फीसदी अधिक रहा। टॉप टेन की मेरिट में कुल 27 परीक्षार्थियों ने जगह बनाई है, जिनमें 19 छात्राएं और आठ छात्र शामिल हैं। 24 मार्च से 12 अप्रैल तक प्रदेश के 8373 केंद्रों में हुई हाईस्कूल की परीक्षा के लिए 27,81,645 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिनमें से 25,20,634 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए 22,22,745 परीक्षार्थी सफल घोषित किए गए। परीक्षा में बालकों का उत्तीर्ण प्रतिशत 85.25 और बालिकाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 91.69 फीसदी रहा।

67 दिन में परिणाम जारी
यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 67 दिन में जारी कर दिया। 12 अप्रैल को परीक्षा समाप्त होने के बाद 23 अप्रैल से मूल्यांकन कार्य शुरू करा दिया गया और सात मई को प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 148 केंद्रों में कॉपियों का मूल्यांकन कार्य पूरा कर लिया गया।

रिजल्ट में गौतमबुद्ध नगर अव्वल
हाईस्कूल परीक्षाफल में जनपदवार रिजल्ट की बात करें तो गौतमबुद्ध नगर प्रदेश के 75 जिलों में सर्वाधिक 95.58 फीसदी परिणाम के साथ अव्वल रहा। दूसरे स्थान पर इटावा (93.71 फीसदी) और तीसरे स्थान पर अमेठी (93.51 फीसदी) रहा। परिणाम देने में झांसी सबसे फिसड्डी जिला साबित हुआ। 79.76 फीसदी रिजल्ट के साथ झांसी 75वें स्थान पर रहा।

वर्ष 2020 के मुकाबले बेहतर रहा परिणाम
पिछले साल 2021 में कोविड के कारण यूपी बोर्ड हाईस्कूल की परीक्षा आयोजित नहीं की सकती थी और सभी परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा प्रमोट कर दिया गया था। वहीं, वर्ष 2020 में हुई परीक्षा से तुलना करें तो इस बार हाईस्कूल का परिणाम बेहतर रहा। परीक्षार्थियों के उत्तीर्ण प्रतिशत में 4.87, बालकों के उत्तीर्ण प्रतिशत में 5.37 और बालिकाओं के उत्तीर्ण प्रतिशत में 4.40 की वृद्धि हुई। वहीं, संस्थागत बालक परीक्षार्थियों को उत्तीर्ण प्रशित 5.32, संस्थागत बालिका परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 4.39, व्यक्तिगत बालक परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 6.40 और व्यक्तिगत बालिका परीक्षार्थियों का उत्तीर्ण प्रति 3.79 बढ़ा है।

12 वर्षों में हुईं 11 परीक्षाओं का सर्वश्रेष्ठ परिणाम
वर्ष 2011 से अब यूपी बोर्ड की ओर से 12 बार हाईस्कूल का रिजल्ट घोषित किया जा चुका है। वर्ष 2021 में कोविड के कारण बिना परीक्षा कराए परीक्षार्थियों को उत्तीर्ण घोषित कर दिया गया था और 99.53 फीसदी परिणाम आया था। वहीं, 2011 से अब हाईस्कूल की 11 परीक्षाएं आयोजित की जा चुकी हैं और इनमें से वर्ष 2022 का परिणाम सर्वश्रेष्ठ है। वर्ष 2011 में हाईस्कूल का रिजल्ट 70.82 फीसदी, 2012 में 83.75 फीसदी, 2013 में 86.63 फीसदी, 2014 में 86.71 फीसदी, 2015 में 83.74 फीसदी, 2016 में 87.66 फीसदी, 2017 में 81.18, 2018 में 75.16, 2019 में 80.07, 2020 में 83.31 और वर्ष 2022 में 88.18 फीसदी रिजल्ट रहा।

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