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राजस्व बढ़ाने के दबाव को देखते केबल ऑपरेटरों पर बकाया मनोरंजन कर की वसूली के लिए शिकंजा कसने की तैयारी है। इन पर करोड़ों रुपये का टैक्स बकाया है। वाणिज्यकर विभाग इसके लिए जल्द अभियान चलाकर वसूली करेगा।
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में करीब 350 से अधिक ऐसे केबल ऑपरेटर हैं, जिन्होंने 9-10 साल से मनोरंजन कर जमा नहीं किया है। इसी तरह जीएसटी लागू होने के बाद मनोरंजन कर विभाग का वाणिज्यकर विभाग में विलय होने और कर्मियों के समायोजन की प्रक्रिया लंबा खिंच जाने की वजह से मनोरंजन कर की वसूली प्रभावित रही है। विशेष तौर से केबल ऑपरेटरों से मनोरंजन कर की वसूली पर इसका सर्वाधिक असर रहा है।
उधर, मनोरंजन कर के दर और जीएसटी व्यवस्था में उसे जमा करने की प्रक्रिया को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होने से केबल ऑपरेटर असमंजस में रहे हैं। इस वजह से भी वह टैक्स जमा नहीं कर पाएं और उन पर बकाया बढ़ता गया। अब वाणिज्यकर मुख्यालय ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों से ऐसे केबल ऑपरेटरों के साथ ही अन्य बकाएदारों की सूची मांगी है। साथ ही जिला स्तर पर निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी बकायेदार केबल ऑपरेटरों को नोटिस आदि भेजने के निर्देश भी दिए गए हैं। आजमगढ़, मऊ और बलिया में बकायेदार केबल ऑपरेटरों को नोटिस देने का काम शुरू कर दिया गया है।
वर्ष 2010 से बकाया है मनोरंजन कर
प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जहां पर पहले के मनोरंजन कर विभाग के अधिकारियों की सुस्ती से केबल ऑपरेटरों से वसूली नहीं की गई है। इस वजह से सैकड़ों केबल ऑपरेटरों पर 40 करोड़ रुपये से अधिक का मनोरंजन कर बकाया होने की बात कही जा रही है। हालांकि बकायेदारों की सूची तैयार होने के बाद ही बकाये कर की रकम स्पष्ट हो सकेगी।