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आगरा की आवास विकास कॉलोनी के रहने वाले सोनू ने पत्नी और बेटी के साथ सामूहिक आत्महत्या कर ली। गुरुवार को ताजगंज के शवदाह गृह में एक साथ 3 चिताएं जलीं। 10 साल के मासूम श्याम ने बाप-मां और बहन को मुखाग्नि दी। मां-पिता और बहन की मौत के बाद वो सहमा हुआ था। दादी कांता के पास बैठा एक नजर से उनको देख रहा था। दादी कह रही थी कि बेटा यह क्या कर डाला। एक बार बता तो देता। उसकी हर इच्छा पूरी कर देती। रोती मां को बेटी वीनू और बेटा देवेश समझा रहे थे। कांता देवी कह रही थीं कि बेटा सोनू चार साल से खुदकुशी की बात कर रहा था। यह सच कर देगा यह किसी ने नहीं सोचा था।
बच्ची को लटकाया होगा
देवेश (सोनू का भाई) का कहना था कि सृष्टि भी मासूम थी। उससे क्या बात हुई, जो उसने भी फांसी लगा ली। वह खुद तो फंदा लगा नहीं सकती थी। लग रहा है कि वह उसे फंदे से लटकाया होगा। इसके बाद सोनू और गीता ने फंदा बनाया।
काम नहीं करना चाहता था सोनू
वीनू (बहन) ने बताया कि श्याम अक्सर उनके पास आ जाता था। इसकी वजह भी भाई सोनू था। वह उसे कभी-कभार डांट देता था। इससे वो उनके पास आ जाता था। सोनू काम नहीं करना चाहता था। इस वजह से गीता भी परेशान थी।
जिसने सुना वो दौड़ पड़ा
कॉलोनी के लोगों को जब पता चला कि तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली है। इस पर लोग रणधीर शर्मा के घर पहुंच गए। हर कोई यही कह रहा था कि ऐसी क्या वजह थी, जो सोनू ने यह कदम उठा लिया।
श्याम की बातों से असमंजस में पुलिस
पुलिस ने श्याम से भी बात की। उससे पूछा कि पापा-मम्मी के बीच कोई झगड़ा तो नहीं हुआ था। रात में टीवी क्यों चलता रहा। श्याम ने बताया कि उसने मां और बहन के साथ खाना खाया था। पापा ने टीवी बंद करने से मना कर दिया था। सुबह उठा और बुआ के घर चला गया। बाद में उसने कहा कि वह सुबह जागा तो मम्मी, पापा और बहन सो रहे थे। उसके बाद कहने लगा उसने ही दादी को बताया था कि सब फंदे पर लटके हैं। इससे अंदाजा लगाया गया कि सामूहिक आत्महत्या सुबह के समय हुई होगी। मगर, टीवी चलता मिला। इस कारण रात में ही आत्महत्या लग रही हैं। क्योंकि सुबह उठने पर आत्महत्या करने से पहले टीवी क्यों चलाते। एसपी सिटी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत का समय स्पष्ट हो जाएगा।