Lakhimpur: केंद्र के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदर्शन, दूसरे दिन उमड़ी दोगुनी भीड़, मंडी परिसर हुआ फुल

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संयुक्त किसान मोर्चा के मंडी परिसर में चल रहा 75 घंटे के धरने के दूसरे दिन पहले दिन के मुकाबले किसानों की दोगुनी भीड़ उमड़ी, जिससे सभी टीन शेड फुल हो गए। वहीं, किसानों ने जगह जगह लंगर और रुकने के लिये टेंट लगा लिया। इतनी भीड़ उमड़ी की जंच से बाहर भी हज़ारों किसानों की भीड़ वक्ताओं को सुनने के लिए लगी रही।

धरने के दूसरे दिन मंच पर पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन को पहले ही कहा गया था कि इतनी भीड़ उमड़ेगी कि यहां तिल रखने की जगह नहीं बचेगी लेकिन फिर भी प्रशासन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के अन्य जिलो में भी धरना जारी है और उन्हें धरना जारी रखने के लिए कहा गया है। साथ ही यह भी कहा कि धरना जारी रखें कभी भी ज़रूरत पड़ सकती है। हालांकि उन्होंने कहा कि दूसरे जिलों में मुख्यालय पर धरना दे रहे किसानों को यहां आने के लिए नहीं कहा गया है।

75 घंटे तक चलेगा धरना
भारती किसान यूनियन (एकता उगराहां) के अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने बुधवार को पंजाब से लखीमपुर रवाना होने से पहले कहा कि वे एसकेएम के आह्वान पर लखीमपुर खीरी जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम वहां 75 घंटे तक चलने वाले धरने में हिस्सा लेंगे।

 

एकता उगराहां के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि महिलाओं समेत लगभग 2,000 किसान विरोध प्रदर्शन में भाग लेने उत्तर प्रदेश जा रहे हैं। उधर, बीकेयू (दोआबा) के अध्यक्ष मनजीत सिंह राय का कहना है कि पंजाब के 10,000 किसान विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। कुछ ट्रेनों में जा रहे हैं और कुछ अपने वाहनों से जा रहे हैं।

बता दें कि मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गिरफ्तार किया गया था। लखीमपुर खीरी में पिछले साल तीन अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करते वक्त चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी।

 

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार के समक्ष निम्न मांगें रखी
  1. लखीमपुर खीरी जिला के तिकुनियां में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या करने की साजश रचने के मामले में उप गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टैनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए।
  2. लखीमपुर खीरी हत्याकांड में ‘निर्दोष होते हुए भी’ जेल में बंद किसानों को तुरन्त रिहा किया जाए और उनके ऊपर मढ़े केस तुरन्त वापस लिए जाएं।
  3. सभी फसलों के ऊपर स्वामीनाथन कमीशन के द्वारा सी-2 +50%के फार्मूला से एमएसपी की गारंटी और सभी फसलों की बिकवाली एमएसपी के ऊपर होने की गारंटी करने वाला कानून केंद्र सरकार द्वारा बनाया जाए।
  4. किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लाद दिए गए थे वो तुरंत  वापस लिए जाएं।
  5. बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए।
  6. भारत के सभी किसानों के सर पर चढ़े कर्ज को एक बार लकीर मार के एकमुश्त कर्ज मुक्त किया जाए।
  7. उत्तर प्रदेश की खंड मिलों की तरफ जो किसानों की बकाया राशि है वो तुरंत जारी की जाए।
  8. वर्षों से जंगल को आबाद कर देश के विभिन्न प्रांतों से लखीमपुर एवं अन्य जनपदों से आकर बसे किसानों को ज़मीन से बेदख़ल करने के नोटिस देने बंद किए जाएं।

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