Getting your Trinity Audio player ready...
|
पुलिस की अजीब-अजीब कहानी आए दिन सामने आती हैं। ऐसा ही मामला बन्नादेवी पुलिस का सामने आया है। पांच माह पहले दो जमानतियों का सत्यापन बन्नादेवी थाने भेजा गया, मगर आज तक सत्यापन होकर रिपोर्ट अदालत नहीं पहुंची। इस वजह से अपराधी की रिहाई नहीं हो सकी। अब इस मामले में बन्नादेवी पुलिस के खिलाफ अदालत में अर्जी दायर की गई है, जिस पर न्यायालय ने ब्योरा तलब करते हुए सोमवार की तारीख नियत की है।
इस मामले में जानकारी देते हुए अधिवक्ता वीरपाल सिंह जादौन ने बताया कि रोरावर पुलिस ने गढ़िया एलमपुर बन्नादेवी के आकाश को आर्म्स एक्ट के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। मामले में एडीजे 9 की अदालत से 17 अगस्त अगस्त को जमानत मंजूर कर ली गई। इसके बाद एसीजेएम न्यायालय में जमानती आवेदन दाखिल किए गए, जिस पर 26 अगस्त को दो जमानतियों एलमपुर के ही मदन सिंह व सुरेश का सत्यापन कराने की प्रक्रिया हुई। जिस पर एसीजेएम न्यायालय से बन्नादेवी पुलिस को प्रपत्र भेजे गए। आरोप है कि इसके बाद से लेकर आज तक सत्यापन रिपोर्ट थाने से न्यायालय नहीं पहुंची।
लगातार आकाश के परिजन इलाका पुलिस से प्रयास करते रहे। मगर सुनवाई न होने पर अब अधिवक्ता के जरिये न्यायालय में अर्जी दायर की गई। अधिवक्ता के अनुसार इस मामले में बन्नादेवी पुलिस द्वारा जमानती सत्यापन रिपोर्ट न दिए जाने के कारण पांच माह से आकाश अभिरक्षा में है और उसकी रिहाई नहीं हो पाई। इसके लिए बन्नादेवी पुलिस जिम्मेदार है।
इस पर एसीजेएम तृतीय की अदालत में पुलिस के खिलाफ मुकदमे का अनुरोध किया है, जिस पर अदालत ने थाना पुलिस से ब्योरा तलब करते हुए सोमवार की तारीख नियत की है। इधर, इस मामले में इंस्पेक्टर बन्नादेवी का कहना है कि यह संभव नहीं है। जरूर रिपोर्ट कहीं मिस हुई होगी। सोमवार को न्यायालय में अपना पक्ष रखा जाएगा।