फ़ारसी भाषा का भारतीय संस्कृति पर प्रभाव” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का किया गया आयोजन

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मुंबई: मुंबई विश्वविद्यालय के फ़ारसी विभाग की हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट डॉ. सक़ीना खान द्वारा “भारत की एक शास्त्रीय भाषा के रूप में फ़ारसी भाषा का भारतीय संस्कृति पर प्रभाव” विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी में ईरान कल्चर हाउस मुंबई के निदेशक अमानुल्ला सयादल और जेएमआई, नई दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. इराक रजा जैदी क्रमश: अध्यक्ष और मुख्य वक्ता के रूप में शामिल थे। सुप्रसिद्ध शायरा व लेखिका डॉ. प्रज्ञा शर्मा, जेएनयू नई दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. ख्वाजा लिक्रमुद्दीन, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद के प्रोफेसर शाहिद नौखेज आजमी, जेएमआई, मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई के प्रोफेसर ए.एस. दलवी, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, नागपुर से प्रोफेसर जी.एस. ख्वाजा, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ से डॉ. सैयद गुलाम नबी व डॉ. एस. अरशद अली जटारी और मुंबई से प्रिंसिपल पुष्पिंदर भाटिया ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

डॉ. प्रज्ञा शर्मा ने कहा कि जब हम विद्या से ज्ञान की ओर बढ़ते हैं तो हमारी ज्ञानपिपासा को शांत करने वाले कुछ प्रमुख ग्रंथों में उपनिषदों का प्रमुख स्थान है। दारा शिकोह ने इनका अध्ययन भी किया और लगभग 50 उपनिषदों का फारसी में अनुवाद भी करवाया। इसके अलावा अन्य विभिन्न ग्रंथों के साथ ही ‘गीता’ और ‘रामायण’ का भी फ़ारसी में अनुवाद किया गया है।

इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य विद्वानों ने टिप्पणी की कि फ़ारसी ईरान की आधिकारिक भाषा होने के बावजूद, भारत में अन्य भाषाओं पर इसका प्रभाव इतनी सहजता से मिश्रित है कि इसे आसानी से अलग नहीं किया जा सकता है। यह भी कहा गया कि भले ही अदालत में लिपि उर्दू से हिंदी या अंग्रेजी में परिवर्तित कर दी गई है लेकिन वकालतनामा, वकील, अदालत, मुज़रिम, और कचेहरी जैसे तमाम शब्द फ़ारसी मूल के ही हैं।

इस सेमिनार ने शास्त्रीय भाषा के रूप में फ़ारसी के समृद्ध इतिहास और भारतीय संस्कृति पर इसके प्रभाव का पता लगाने के लिए एक आकर्षक और सूचनात्मक मंच प्रदान किया। फ़ारसी विभाग की अध्यक्ष डॉ. सकीना आई. एच. खान ने बताया कि 2020 से कोविड-19 महामारी के कारण कोई सेमिनार आयोजित नहीं हो सका, लेकिन तीन साल बाद इस एक दिवसीय सेमिनार के सफल आयोजन ने उन्हें श्रृंखला जारी रखने का साहस दिया है। फ़ारसी विभाग, मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई ने इस कार्यक्रम को सफ़ल बनाने वाले सभी वक्ताओं और अतिथियों का हार्दिक आभार व्यक्त किया।

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