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मेरठ करीब 14 साल पुराने मुकदमे में सरधना के पूर्व विधायक संगीत सोम बुधवार को मुजफ्फरनगर की अदालत में पेश हुए। दरोगा से हाथापाई के मामले में साक्ष्यों के अभाव में अदालत ने सोम को दोषमुक्त करार दिया, जबकि उनके तीन साथियों पर दोष सिद्ध हो गया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट के पीठासीन अधिकारी मयंक जायसवाल ने प्रकरण की सुनवाई की।
पूर्व विधायक ने मुजफ्फरनगर लोकसभा क्षेत्र से सपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। वह 17 मार्च वर्ष 2009 को सिविल थाना क्षेत्र के मालवीय चौक पर रास्ते में 7-8 गाड़ियां रोककर बातचीत कर रहे थे। तत्कालीन यातायात उप निरीक्षक (वादी) हरमीत सिंह ने मौके पर पहुंचकर गाड़ियां हटाने के लिए कहा।
आरोप है कि इस बात से खिन्न होकर उनके साथियों ने हथियारों के बल पर दारोगा को सड़क पर गिराकर धक्का-मुक्की की थी। पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए उनके तीन साथियों को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने मामले में संगीत सोम सहित चार के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था।
पूर्व विधायक के वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल जिंदल ने बताया कि बुधवार को अदालत ने संगीत सोम को दोषमुक्त करार दिया है। उनके साथी एटा निवासी वीरेंद्र, इटावा निवासी जयपाल सिंह और मैनपुरी निवासी कम्बोद के खिलाफ आरोप सिद्ध हो गए हैं।