ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने विद्युत मजदूर पंचायत सम्मेलन में कही बड़ी बात

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ब्यूरो चीफ आर एल पाण्डेय

लखनऊ। ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने विद्युत कर्मचारियों को ऊर्जा परिवार का अभिन्न अंग बताया। कहा कि परिवार के उत्सव में परिवार के मुखिया के रूप में ऊर्जा मंत्री का शामिल होना जरूरी था।
– ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने विद्युत मजदूर पंचायत सम्मेलन में विद्युत कर्मियों का बेवजह उत्पीड़न न होने का दिया आश्वासन।
– ऊर्जा मंत्री ने मा0 उच्च न्यायालय एवं प्रदेश सरकार के नीतिगत निर्णयों के आधार पर ही हड़ताल के दौरान चिन्हित विद्युत कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होने को कहा।
– सभी विद्युत कर्मी ऊर्जा परिवार के हैं अभिन्न अंग, आपसी संवाद से समस्याओं का होगा निदान। सभी एक साथ मिलकर जनता की सेवा करें।
– विद्युत कर्मियों की जायज व सार्थक मांगों पर सरकार करेगी विचार और उनके कार्यों से उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का मिलेगा अवसर।
– कोई भी विद्युत कर्मी विद्युत व्यवधान करने का प्रयास न करे और जनजीवन को प्रभावित न होने दे।
– विद्युत व्यवधान करके जनता को बेवजह परेशान करना महापाप है। ऐसा घोर पाप न करें।
– विद्युत आपूर्ति जीवन का आधार बन गई है एवं हर किसी के लिए बहुत आवश्यक है। विद्युत व्यवधान किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं।
– जिस डाल पर बैठे हो, उसी डाल को कटोगे, तो कभी भी सुखी नहीं रहोगे।
– विद्युत विभाग के ऊपर 82 हजार करोड़ रुपये का लोन है और 01 लाख करोड़ रुपये का घाटे में है। ऐसे में ऋण लेकर घी पीना विद्युत कर्मियों की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा। विभाग घाटे में होने से किसी को भी कोई फायदा नहीं होगा।
– विद्युत विभाग को लाभ की श्रेणी में लायें और अपनी जायज व सार्थक मांगों के समाधान के लिए संवाद का रास्ता अपनायें।
– विद्युत आपूर्ति बहुत ही महत्वपूर्ण सेवा, भविष्य में कभी भी विद्युत व्यवधान करने का दुष्साहस न किया जाये, यही अपील।
– हड़ताल के दौरान दुष्साहस ऐसा रहा कि विद्युत व्यवधान के लिए जानबूझकर राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और यहां तक कि मा0 उच्च न्यायालय में इस संबंध में पीआईएल दाखिल करने वाले वकील के घर की भी बिजली काटी गई।
– उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा विद्युत कर्मियों की मृत्यु, विद्युत दुर्घटनाओं में हो रही, जो कि काफी पीड़ादायक है। नई तकनीक का सहारा लेकर इस आकस्मिक मृत्यु को रोकने की समस्या का समाधान किये जाने के प्रयास हों।
– विद्युत कर्मियों के ऊपर गलती से व जानबूझकर की गई कार्रवाइयों की जांच कराकर दूर किया जायेगा।
– विद्युत कर्मी देश, समाज एवं लोगों की सेवा के लिए अपने दायित्वों के निर्वहन में कहीं पर भी चूक न करें।
– सभी कार्मिकों की सुख-सुविधाओं का ख्याल रखा जायेगा और उनकी विसंगतियों को दूर करने का प्रयास किया जायेगा।
– सरकारी कर्मचारियों की भांति विद्युत कर्मियों को भी कैसलेस इलाज की सुविधा मिले, उनकी एसीपी की विसंगतियां दूर हों, सभी संविदा कर्मियों के मानदेय में एकरूपता आए, विद्युत कर्मियों की आकस्मिक मृत्यु पर उनकी क्षतिपूर्ति को 05 लाख रुपये से बढ़ाने, विद्युत कर्मियों को भी बीमा का लाभ मिले। इन सभी मामलों पर विचार करके कर्मियों के हित में निर्णय लिया जायेगा।
– विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ 03 दिसम्बर, 2022 को हुए समझौते के कुछ बिन्दुओं को पूरी तरह से लागू करना संभव नहीं।
– ऊर्जा मंत्री ने विगत एक वर्षों में विद्युत कर्मियों द्वारा विभाग हित में किये गये कार्यों व परिश्रम की सराहना की गईं और कहा कि उनकी बदौलत आज विद्युत इकाइयां 08 प्रतिशत की ज्यादा पीएलएफ क्षमता से कार्य कर रहीं। विभाग के एटीएस लॉस में 05 प्रतिशत की कमी आयी, जो कि पहले 31 प्रतिशत थी। राजस्व वसूली में भी वृद्धि हुई है और बिजली उत्पादन भी 13.39 प्रतिशत बढ़कर 39691 मिलियन यूनिट हुआ है, जो कि प्रशंसनीय है।

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