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बिपिन गुप्ता /महाराष्ट्र ब्यूरो
मुंबई : रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर को मुंबई पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) ने जासूसी के आरोप में गिरफ़्तार किया है । एटीएस ने कहा कि वैज्ञानिक प्रदीप को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के हनी ट्रैपर की पाक इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के लिए काम कर रही थी। पदीप का पाक इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के साथ व्हाट्सएप संदेशों, वॉयस कॉल और वीडियो के माध्यम से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करने का पता चला है। एटीएस ने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद, वैज्ञानिक ने अपने पद का दुरुपयोग किया। जिससे संवेदनशील सरकारी जानकारी से समझौता किया गया. जो दुश्मन राष्ट्र के हाथों में पड़ने पर भारत की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता था। वैज्ञानिक के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट 1923 की धारा 1923 व अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदीप कुरुलकर नामक अधिकारी ने सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी (पीआईओ) से संपर्क में था । एटीएस ने कहा कि डीआरडीओ वैज्ञानिक व्हाट्सएप संदेशों, वीडियो कॉल और अन्य संचार विधियों के माध्यम से पीआईओ ऑपरेटिव के संपर्क में था, जबकि यह एक हनीट्रैप का मामला है । डी आर डी ओ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदीप कुरुलकर ने कई मिसाइलों सहित डीआरडीओ की रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण कई परियोजनाओं पर काम किया है। एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि यह हनीट्रैप का मामला है। आगे की जांच चल रही है।
अधिकारियों की हनी ट्रैपिंग का नहीं है पहला मामला
1 पिछले साल नवंबर में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने विदेश मंत्रालय में कार्यरत एक ड्राइवर को गिरफ्तार किया था। उन्हें जासूसी के आरोप में नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू भवन से गिरफ्तार किया गया था। चालक पूनम शर्मा/पूजा के फर्जी नाम से एक पाकिस्तानी व्यक्ति को पैसे के बदले सूचना और दस्तावेज कथित रूप से स्थानांतरित कर रहा था। पुलिस अधिकारियों ने कथित तौर पर कहा कि चालक हनीट्रैप में फंसा हुआ था।
2 सितंबर 2022 में, उत्तराखंड के हरिद्वार से सेना के एक जवान को कथित तौर पर रिया शर्मा के फर्जी नाम के तहत पाकिस्तानी खुफिया आईएसआई एजेंट द्वारा हनी ट्रैप में फंसाया गया था। उसे राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जवान जोधपुर स्थित सेना की सीक्रेट मिसाइल रेजीमेंट यूनिट में गनर था।
3 उसी महीने, पाकिस्तान के आईएसआई के साथ भारतीय सेना के आंदोलनों की गुप्त जानकारी साझा करने के आरोप में पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। पीर मोहम्मद उर्फ समीर दा को पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि माना जाता है कि उसने पाकिस्तान की आईएसआई के साथ पैसे के लिए महत्वपूर्ण जानकारी साझा की थी. पीर मोहम्मद कालिम्पोंग और पश्चिम बंगाल के उत्तरी बंगाल क्षेत्र में सेना की आवाजाही के बारे में सभी विवरण साझा करते थे।
4 इसी साल मार्च में डीआरडीओ चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) में कार्यरत एक वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी के हनी ट्रैप में फंसने का मामला ओडिशा से सामने आया था। उन्हें बालासोर पुलिस ने हिरासत में ले लिया और एक विदेशी एजेंट को डीआरडीओ की वर्गीकृत जानकारी देने का आरोप लगाया। रिपोर्टों के अनुसार, बाबूराम डे के रूप में पहचाने जाने वाले डीआरडीओ के आईटीआर अधिकारी को एक पाकिस्तानी महिला एजेंट द्वारा हनीट्रैप में फंसाया गया था, जिसके साथ उन्होंने वर्गीकृत जानकारी साझा की थी। उसने महिला से सोशल मीडिया पर दोस्ती की। 51 वर्षीय बालासोर जिले के जलेश्वर के रहने वाले हैं।
5 चांदीपुर के डीआरडीओ आईटीआर के चार अनुबंधित कर्मचारियों को सितंबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था। इन चारों पर एक पाकिस्तानी एजेंट के साथ वर्गीकृत रहस्य साझा करने का आरोप लगाया गया था। उस समय बालासोर पुलिस से जांच अपने हाथ में लेने वाली ओडिशा क्राइम ब्रांच ने पाया कि एक पाकिस्तानी महिला ने चारों को हनीट्रैप में फंसाया था।
6 फरवरी 2021 में, बालासोर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) अदालत ने जासूसी के आरोप में डीआरडीओ के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के पूर्व कैमरामैन ईश्वर बेहरा को दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। बेहरा के संबंध में, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गोपनीय जानकारी देने के आरोप में जनवरी 2015 में गिरफ्तार किया गया था ।
कितना चिंताजनक है मामला ?
डी आर डी ओ देश के रक्षा अनुसन्धान , की सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील संस्था है। डी आर डी ओ में ही पृथ्वी मिसाइल से लेकर , अग्नि सीरीज , कलाम सीरीज ( के सीरीज ), एविएशन क्षेत्र में तेजस , तेजस एम् के 2 , अमका , ट्विन इंजन डेक फाइटर , औरा और फूफा जैसे विश्वस्तरीय जेट प्रोजेक्ट चल रहे हैं। डी आर डी ओ ही यू ए वी के घातक ड्रोन बना रही है जिसकी तुलना टर्कीये के टी बी 2 ड्रोन से की जाती है। डी आर डी ओ की प्रतिष्ठा दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी सुरक्षा अनुसंधान संस्था के रूप में की जाती है। इसके इतर डी आर डी ओ सैकड़ों समाजिक क्षेत्रों से जुड़े उन्नतम तकनिकी पर भी काम कर रहा है।
ऐसे में भले ही एटीएस ने महाराष्ट्र एटीएस ने मुंबई के कलाचौकी पुलिस स्टेशन में अधिकारी पर 1923 के आधिकारिक गुप्त अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। एटीएस ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “वैज्ञानिक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए, यह जानने के बावजूद कि उनके कब्जे में मौजूद आधिकारिक रहस्य अगर दुश्मन देश द्वारा प्राप्त किए गए, तो देश की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है, दुश्मन देश को विवरण प्रदान किया।पुलिस ने बताया कि मामले की आगे की जांच की जा रही है। मगर डी आर डी ओ के अंदर पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव के हनी ट्रैप में फंसने का मामला बेहद चिंताजनक है। यही वजह है की ए टी एस बड़ी संजीदगी और सघनता से मामले की जांच में जुट गई है।ए टी एस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनकी प्राथमिकता इस समय ये खंगालने की है कि अभी तक किस किस तरह की जानकारी पाक इंटेलिजेंस ऑपरेटिव को मिल चूकी है। इसके साथ क्या कहीं और किसी रूप में उनके ऑपरेटिव की पेनिट्रेशन डी आर डी ओ में हुई है ?