इनाम घोषित होने के डर से टॉप टेन माफिया सुधीर सिंह महराजगंज कोर्ट में किया सरेंडर

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गोरखपुर। गोरखपुर पुलिस के बढ़ते दबाव से जिले का टॉप टेन माफिया सुधीर सिंह बीस वर्ष पुराने मामले में महराजगंज कोर्ट में सरेंडर कर दिया। सरेंडर के बाद कोर्ट ने उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया। इस दौरान सुधीर सिंह के समर्थकों का हुजूम भी था।

वर्ष 2003 में हुई लूट के मुकदमे में था वांछित

दरअसल, सहजनवा इलाके के कालेसर गांव का रहने वाला सुधीर सिंह यूपी के टॉप माफियाओं की लिस्ट में शामिल होने के साथ ही गोरखपुर के टॉप 10 माफियाओं में से एक है। सुधीर साल 2003 में महराजगंज के श्यामदेउरवा थाने में हुई लूट के एक मुकदमे में वांछित चल रहा था। कोर्ट ने उसके खिलाफ अप्रैल 2008 में ही गैर जमानती वारंट जारी कर रखा था। पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी।

गुर्गों के साथ पहुंचा था कोर्ट

गुरुवार को दोपहर में अपने गुर्गों के साथ सुधीर सिंह महराजगंज कोर्ट पहुंचा। कोर्ट में सरेंडर के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सौरभ श्रीवास्तव ने उसे जेल भेज दिया। साथ ही संबंधित मुकदमे में सुनवाई की अगली तिथि 8 जून तय कर दी।

सरेंडर के बाद भेजा गया जेल

एसपी महराजगंज डा. कौस्तुभ ने बताया, पुलिस आपरेशन शिकंजा के तहत पुराने मुकदमों में पैरवी कर आरोपितों को सजा दिलाने का अभियान चला रही है। श्यामदेउरवा थाने में दर्ज 20 साल पुराने मुकदमे में माफिया सुधीर सिंह ने न्यायालय में सरेंडर किया है। वहां से उसे जेल भेज दिया गया है। बता दें की पिपरौली ब्लाक के पूर्व प्रमुख और माफिया सुधीर सिंह पर कुल 38 मुकदमे दर्ज है

योगी सरकार में दस करोड़ की संपत्ति हो चुकी है जब्त

माफिया सुधीर सिंह की अब तक 10 करोड़ की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। इसके अलावा पुलिस और प्रशासन ने उसकी लग्जरी गाड़ियों को भी जब्त किया था। सुधीर सिंह का नाम प्रदेश की सूची के साथ ही जिले और गोरखपुर जोन के टॉप टेन माफिया की सूची में भी शामिल है।

पुलिस खोजती थी, खुलेआम घूमता था सुधीर

ढाई वर्ष पहले जारी हुए गैर जमानती वारंट के मामले में माफिया अजीत शाही ने हाजिर होकर गोरखपुर पुलिस की पोल खोल दी थी। प्रदेश के माफिया की सूची में शामिल सुधीर सिंह ने लूट के मुकदमे में वर्ष 2008 में जारी हुए गैर जमानती वारंट में समर्पण कर व्यवस्था की पोल खोल दी। माफिया सुधीर सिंह पर शाहपुर थाना क्षेत्र में वर्ष 2004 में हुई लूट की घटना में 24 अप्रैल 2023 को गैर जमानती वारंट जारी हुआ था। वारंट जारी होने के बाद से ही क्राइम ब्रांच और शाहपुर थाने की पुलिस उनकी तलाश में छापा मार रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली। समर्थकों व शिकंजा कसने पर माफिया ने चकमा देकर पुराने मुकदमे में आत्मसमर्पण कर दिया।

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