सेप्टिक टैंक हादसा: जान जोखिम में डाल मौत के कुएं में कूद गया प्रमोद, एक साथी की बची जान, चार ने तोड़ा दम

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कुशीनगर में रविवार सुबह करीब दस बजे सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान गैस की चपेट में आने से उसमें फंसे लोगों को बाहर निकालने में गांव के प्रमोद साहनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। लोगों ने उनकी बहादुरी की प्रशंसा की।

इस गांव में शौचालय के सेप्टिक टैंक में नंदू कुशवाहा, नितेश कुशवाहा, आनंद और दिनेश की मौत हो गई, जबकि राजकुमार कुशवाहा टैंक में ही गिरकर चिल्ला रहा था। तुर्की में पानी के जहाज पर काम करने वाले प्रमोद सैनी मौके पर पहुंचकर अपनी परवाह किए बिना सभी को बाहर निकाले।

बताया जा रहा है पांचों को टैंक से बाहर निकालते समय प्रमोद साहनी को कई बार उल्टी भी हुई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं छोकी और सबको बाहर निकाले। बाद में अपना इलाज कराए। अब वह ठीक हैं।

गांव वालों ने बताया कि घटना से पहले एक के बाद एक पांच लोग टंकी में समा गए, लेकिन वापस नहीं आए। इसके बाद घटनास्थल पर भीड़ जुट गई। सब लोग एक-दूसरे की ओर देख रहे थे, लेकिन उसके बाद किसी को कुछ नहीं सूझ रहा था। भीड़ में से निकलकर गांव का ही प्रमोद साहनी पहुंचा। वह हिम्मत दिखाते हुए रस्सी के सहारे खुद टैंक में उतर गया।

 पंपिंगसेट से खाली कराया टैंक

Four Died Due to Falling in Toilet Tank in Kushinagar

 

उसने अपनी जान की परवाह किए बिना एक-एक कर सभी को टैंक से बाहर निकाला। इसी दौरान लोगों ने शौचालय टैंक को साफ करने वाली सेप्टिक टैंक मशीन बुला ली। लेकिन वहां तक जाने के लिए पाइप छोटा था। फिर पंपिंगसेट से खेतों की सिंचाई करने वाला पाइप मंगाया गया और उससे टैंक को खाली कराया गया। ताकि यदि कोई और उसमें फंसा हो तो बाहर निकाल लिया जाए।

इसके बाद पुलिस के डायल 112 वाहन से पांचों को कोटवा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने नंदू कुशवाहा, उसके पुत्र नितेश कुशवाहा, पट्टीदार दिनेश कुशवाहा और आनंद को मृत घोषित कर दिया। राजकुमार की हालत गंभीर बताते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां मौजूद सीएमओ डॉ. सुरेश पटारिया ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल इलाज शुरू कराया।

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