देशभर में होगा रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का सात दिवसीय उत्सव, पीएम मोदी को बुलाने की तैयारी

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श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक बुधवार को मणिराम दास की छावनी में हुई। बैठक में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर मंथन किया गया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राममंदिर के भूतल का काम 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां शुरू होंगी। प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य अतिथि के रूप में पीएम नरेंद्र मोदी को आमंत्रण भेजने की तैयारी हो रही है। बताया गया कि देशभर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठाका सात दिवसीय उत्सव मनाने पर सहमति बनी है।

ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास की अध्यक्षता में बुधवार सुबह 11 बजे शुरू हुई बैठक करीब ढाई घंटे चली। इसमें जनवरी से लेकर अब तक हुए कार्यों की पूरी जानकारी सभी सदस्यों को दी गई। मंदिर निर्माण के साथ अन्य योजनाओं की प्रगति से ट्रस्टियों को अवगत कराया गया। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि बैठक में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर चर्चा हुई। तय हुआ है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव कम से कम सात व अधिकतम 11 दिवसीय किया जाए। सभी की सहमति सात दिवसीय उत्सव पर बनी है।

बताया कि देशभर के संत-धर्माचार्यों से आग्रह किया जाएगा कि वे अपने-अपने स्थानों पर प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव का आयोजन करें। चंपत राय ने बताया कि दिसंबर से 26 जनवरी के बीच पीएम नरेंद्र मोदी का समय मिल सके, इसके लिए उन्हें आमंत्रण भेजने की तैयारी की जा रही है। कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि आमंत्रण पत्र तैयार करेंगे। महंत नृत्यगोपाल दास के हस्ताक्षर से यह पत्र पीएम मोदी को भेजा जाएगा।

जन्मभूमि पथ पर लगेंगे प्रतीक चिह्न

चंपत राय ने बताया कि रामजन्म भूमि पथ पर गर्मी से बचाने के लिए जगह-जगह शेड बनाने का निर्णय हुआ है। चूंकि यह राममंदिर का प्रमुख प्रवेश मार्ग है, यह दिखाने, समझाने के लिए प्रतीक चिह्न लगाए जाएं, इसको लेकर चर्चा हुई है। प्रतीक चिह्न कैसा हो, इसकी डिजाइन बनाएंगे, ट्रायल करेंगे। इसको लेकर सड़क बना रही कार्यदायी संस्था के अधिकारियों का भी सुझाव लिया जाएगा।

जल्द शुरू होगा राममंदिर के फर्श का काम : राममंदिर का भूतल, मकराना के संगमरमर से सजेगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि फर्श पर संगमरमर बिछाने का काम एक से दो दिन में शुरू हो जाएगा। तीन मंजिले राममंदिर के फर्श में भी मकराना के सफेद संगमरमर का उपयोग होगा।

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